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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ठुकरा दिया था राज्यपाल का सुझाव, सीएम योगी ने किया पूरा

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के अमरघोष ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, मैं इसे लेकर रहूंगा’ के शताब्दी वर्ष पर स्मृति समारोह आयोजित नहीं करने पर राज्यपाल राम नाईक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधा। वहीं उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस समारोह नहीं मनाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित पूववर्ती सरकारों को घेरा।
शनिवार को लोक भवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि राज्यपाल होने के नाते प्रदेश जो भी सरकार होती है वह उनकी सरकार होती है, जो भी मुख्यमंत्री होता है वह उनका मुख्यमंत्री होता है। उन्होंने कहा कि तिलक के उद्घोष के सौ वर्ष पूर्ण होने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखनऊ से उसका महत्व समझाते हुए कार्यक्रम करने को कहा था।

राज्यपाल ने कहा कि लेकिन अखिलेश को नहीं जमा। नहीं जमा, तो वे भी पीछा छोड़ने वाले नहीं थे। जनता ने प्रदेश में नई सरकार चुनकर दी तो उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि सौ साल का नहीं तो 101 साल पूरे होने पर आयोजन कर सकते हैं। उन्होंने स्मृति समारोह के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि योगी जो बात मन में ठान लेते हैं तो उसे सफल बनाकर रहते हैं।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे 24 जनवरी को उत्तर प्र्रदेश में पहली बार प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाता है। लेकिन   पहले सरकार स्थापना दिवस नहीं मनाती थी, उन्हें पता ही नहीं था। लोग सरकार में आते थे, पांच साल  टाइम पास कर निकल जाते थे। उन्होंने कहा कि या तो उन पर काम का इतना बोझ था कि फुर्सत नहीं थी या इच्छाशक्ति नहीं थी।