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पूर्व अमेरिकी सीनेटर ने किया ऐलान: चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका दे सकता है भारत को परमाणु हथियार

बीजिंग में ब्रिक्स देशों के सुरक्षा सलाहकारों की बैठक चल रही है। वहीं चीन को भारत और अमेरिका की बढ़ती दोस्ती भी रास नहीं आ रही है। ऐसे में अमेरिका के पूर्व सीनेटर का ताजा बयान चीन के लिए बुरा साबित हो सकता है। पूर्व रिपब्लिक सीनेटर ने कहा है कि चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका भारत का साथ देगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारतीय नौ सेना को न्यूक्लियर हथियार दे सकता है। एशिया पैसेफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते कदम को रोकने के लिए अमेरिका ऐसा कर सकता है। 

पूर्व अमेरिकी सीनेटर लैरी प्रेसलर ने अपनी नई किताब ‘नेबर्स इन आर्म्स: ऐन अमेरिकन सीनेटर्स क्यूस्ट फॉर डिसआर्मामेण्ट एन अ न्यूक्लियर सब-कॉन्टिनेंट’ में इस बात का जिक्री किया है। उन्होंने लिखा कि चीनी नौसेना ने दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख अखतियार किया था।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले अमेरिकी अखबार में छपे एक लेख को लेकर चीनी मीडिया ने खासी नाराजगी जाहिर की थी। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन एग्जामिनर में छपे एक लेख पर चिढ़े चीनी मीडिया ने अमेरिका पर भारत और चीन के बीच युद्ध भड़काने का आरोप लगाया था। 

‘ट्रंप मस्ट सपोर्ट इंडिया अगेन्स्ट चाइना’

अखबार वॉशिंगटन एग्जामिनर में ‘ट्रंप मस्ट सपोर्ट इंडिया अगेन्स्ट चाइना’ नाम से एक लेख छपा था। जिसमें कहा गया था कि अमेरिका चीन के खिलाफ भारत को सपोर्ट जरूर करेगा। भारत और अमेरिका एक महत्वपूर्ण संबंध साझा करते हैं। चीनी के बढ़ते कदम से निपटने के लिए अमेरिका भारत की मदद जरूर करेगा। 

यह लेख चीनी सरकार के आधिकारिक अखबार ग्लोबल टाइम्स को नागवारा गुजरा। जिसके अगले दिन ग्लोबल टाइम्स ने इसके संबंध में एक लेख छापा। इस लेख में कहा गया कि अमेरिका हर विवाद में अपनी टांग अड़ाना चाहता है और शायद ही कभी कोई विवाद खत्म करने में मदद करता है। 

ग्लोबल टाइम्स में वॉशिंटन एग्जामिनर में छपे लेख की आलोचना की गई है। चीनी अखबार में कहा गया कि पश्चिम में कई ऐसी ताकतें है जो भारत और चीन के बीच युद्ध भड़काना चाहती है। जिससे वह बिना कुछ किए अपना फायदा निकाल सकें। अमेरिका इसी नीति को दक्षिण चीन सागर में लागू कर रहा है। 

 

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