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पत्रकार की हत्या मामले में राम रहीम को उम्र कैद

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को गुरमीत राम रहीम समेत चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। विशेष जज जगदीप सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाते हुए कहा कि उम्रकैद की सजा दुष्कर्म मामले में दी गई 20 साल की सजा पूरी होने के बाद शुरू होगी। सभी दोषियों पर 50 हजार जुर्माना भी लगाया गया। सीबीआई ने राम रहीम को फांसी की सजा देने की मांग की थी। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को राम रहीम, निर्मल, कुलदीप और किशन लाल को दोषी करार दिया था। राम रहीम इस वक्त दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल ने कहा- अदालत का फैसला सत्य की जीत है। मैं आज राहत महसूस कर रहा हूं। हमने फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत के फैसले से हम संतुष्ट हैं। साध्वी यौन शोषण मामले में जो लेटर लिखे गए थे, उन्हीं के आधार पर रामचंद्र ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया। जब वे धमकियों के आगे नहीं झुके तो 24 अक्टूबर 2002 को उन पर हमला कर दिया गया। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।24 अक्टूबर 2002 को बाइक पर आए कुलदीप ने गोली मार दी थी। उसके साथ निर्मल भी था। जिस रिवॉल्वर से रामचंद्र पर गोलियां चलाई गईं, उसका लाइसेंस डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर किशन लाल के नाम पर था। कोर्ट ने राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का दोषी माना है।