कमर अब्बास के परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल है। बुधवार तड़के दिल्ली में हुए हादसे में कमर का लगभग पूरा परिवार की खत्म हो गया। उनके परिवार में बस 16 साल का बेटा अब्बास मेहंदी ही बचा है। वह भी एलबीएस अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल में उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बुधवार हादसे की खबर मिलते ही कमर के दिल्ली व मेरठ में रहने वाले रिश्तेदार एलबीएस अस्पताल पहुंच गए। पुलिस ने बुधवार को ही सभी का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए। जिन्हें परिजन मेरठ ले गए।
कमर के चचेरे भाई नसीम ने बताया कि भाईयों में कमर अब्बास सबसे बड़े भाई है। उनका कपड़े का कारोबार था। इनका बड़ा बेटा अजहर अब्बास 12वीं कक्षा में पढ़ता था, जबकि बेटी जूही छठी कक्षा में पढ़ती थी। इसके अलावा हादसे में बचा बेटा अब्बास मेहंदी 10वीं कक्षा में पढ़ता है। जबकि छोटे भाई की बेटी लम्हा दूसरी कक्षा में पढ़ती है। नसीम के मुताबिक जैसे ही बच्चों का पता चला था कि चाची अंजुम व भाई अली मोहम्मद भारत आने वाले हैं, बच्चों ने एयरपोर्ट जाने की जिद करने लगे। कमर बच्चों की जिद के आगे झुक गए और बच्चों को लेकर दिल्ली आ गए। लेकिन शायद उन्हें नहीं पता था कि अब उनके नसीब में वापस मेरठ जाना नहीं लिखा है।
पुलिस ने महज 20 मिनट में कटर से कार काटकर घायलों को निकाला…
पुलिस के मुताबिक सुबह करीब 4.30 और 5.00 बजे के बीच हादसा हुआ। राहगीरों ने मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दी। खबर मिलते ही फौरन पुलिस मौके पर पहुंच गई। इधर दमकल कर्मियों की टीम भी मौके पर पहुंच गई। कार कई कलाबाजियां खाने के बाद बुरी तरह पिचक चुकी थी। फौरन कार काटने के लिए कटर मंगा लिये गए। पुलिस ने कार की छत काट दी। घायलों को कार से निकालकर एंबुलेंस व पीसीआर की मदद से एलबीएस अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से अंजुम फातिमा को जीटीबी रेफर कर दिया गया।
पुलिस के मुताबिक सुबह करीब 4.30 और 5.00 बजे के बीच हादसा हुआ। राहगीरों ने मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दी। खबर मिलते ही फौरन पुलिस मौके पर पहुंच गई। इधर दमकल कर्मियों की टीम भी मौके पर पहुंच गई। कार कई कलाबाजियां खाने के बाद बुरी तरह पिचक चुकी थी। फौरन कार काटने के लिए कटर मंगा लिये गए। पुलिस ने कार की छत काट दी। घायलों को कार से निकालकर एंबुलेंस व पीसीआर की मदद से एलबीएस अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से अंजुम फातिमा को जीटीबी रेफर कर दिया गया।
हादसे का मंजर बेहद खौफनाक था,सड़क पर चारों ओर फैला था खून…
नेशनल हाइवे-24 पर बुधवार तड़के हुए हादसे का मंजर बेहद खौफनाक था। घटना स्थल पर सड़क पर चारों ओर खून ही खून फैला हुआ था। जिसने भी हादसे को देखा उसकी रूह कांप गई। कार के भीतर शवों की हालत बेहद खराब थी। कुछ शव तो इतनी बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए थे कि उनकी पहचान भी नहीं हो पा रही थी। पुलिस ने उन शवों के बीच से ही घायल बच्चों को निकाला।
नेशनल हाइवे-24 पर बुधवार तड़के हुए हादसे का मंजर बेहद खौफनाक था। घटना स्थल पर सड़क पर चारों ओर खून ही खून फैला हुआ था। जिसने भी हादसे को देखा उसकी रूह कांप गई। कार के भीतर शवों की हालत बेहद खराब थी। कुछ शव तो इतनी बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए थे कि उनकी पहचान भी नहीं हो पा रही थी। पुलिस ने उन शवों के बीच से ही घायल बच्चों को निकाला।
मॉडल बनना चाहते थे कमर के दोनों बेटे…
कमर अब्बास जैदी के दोनों बेटे अजहर अब्बास व अब्बास मेहंदी मॉडल बनना चाहते थे। अजहर तो अब इस दुनिया में नहीं रहा, परिवार अब अब्बास मेहंदी की सलामती के लिए दुआएं कर रहा है, कमर के साले शाहाब ने रोते हुए बताया। शाहाब ने बताया कि पढ़ाई में दोनों ही बच्चे बेहद होशियार थे। वहीं छोटी बेटी जूही भी पढने में काफी जहीन थी। वह हमेशा कहती थी कि उसे बड़े होकर डॉक्टर बनना है, लेकिन शायद खुद को कुछ और ही मंजूर था। बात करते-करते शाहाब की आंखों आंसुओं से भर जाती थी।
कमर अब्बास जैदी के दोनों बेटे अजहर अब्बास व अब्बास मेहंदी मॉडल बनना चाहते थे। अजहर तो अब इस दुनिया में नहीं रहा, परिवार अब अब्बास मेहंदी की सलामती के लिए दुआएं कर रहा है, कमर के साले शाहाब ने रोते हुए बताया। शाहाब ने बताया कि पढ़ाई में दोनों ही बच्चे बेहद होशियार थे। वहीं छोटी बेटी जूही भी पढने में काफी जहीन थी। वह हमेशा कहती थी कि उसे बड़े होकर डॉक्टर बनना है, लेकिन शायद खुद को कुछ और ही मंजूर था। बात करते-करते शाहाब की आंखों आंसुओं से भर जाती थी।