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केन्द्र को अकबर के किले को उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग को दान कर देना चाहिए: अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि संगम नगरी प्रयागराज में आस्था के सबसे बड़े मेले कुम्भ की सदियों पुरानी परम्परा है जो आज भी यथावत जारी है। प्रयागराज में अर्द्धकुम्भ की कई कहानियां हैं जिनमें सबसे ज्यादा चर्चित चीनी यात्री ह्वेसांग के संस्मरण हैं। ईसा के बाद की छठी शताब्दी में आए चीनी यात्री ने सम्राट हर्षवर्धन (590-647), कन्नौज जिनकी राजधानी थी उनके दान के बारे में लिखा है। वह 75 दिनों तक तब तक दान करते रहते थे जब तक कि उनके पास सब कुछ गरीबों, साधुओं और ब्राह्मणों में बंट न जाए। सदियां बीत गई। प्रयागराज में जमाने ने कई करवटें बदलीं।

कन्नौज का एक और प्रतिनिधि अखिलेश यादव कुम्भ की आस्था में डुबकी लगाने गत दिवस पहुंचे। पिछले कुम्भ की व्यवस्था भी तब अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में समाजवादी सरकार ने की थी। वह कुम्भ भी इतना भव्य था कि विदेशी विद्वान उसकी पड़ताल करने आ गए थे।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 27 जनवरी 2019 को जब आस्था-विश्वास और अध्यात्म के क्षेत्र में पहुंचे तो वे उसी भावभूमि में दिखाई दिए जिसमें हर रोज मानव समूह का रेला आता-जाता है और संगम में डुबकी लगाकर अपने तन-मन को स्वच्छ कर आत्मसंतुष्टि होकर दान-पुण्य कर घर लौटता है। कुछ ऐसी ही प्रेरणा गांधी जी को तब आजादी के आंदोलन की मिली थी जब वे प्रयागराज में ‘कुम्भ‘ के दौरान पहुंचे थे। वे आश्चर्य चकित थे कि इतना बड़ा समूह स्वतः स्फूर्त ढंग से कैसे एकत्र हो जाता है।

अखिलेश यादव ने यहां मीडिया के साथ वार्ता में अतीत और वर्तमान का अनोखा तालमेल बनाया। सम्राट हर्षवर्धन की दान महिमा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस मौके पर केन्द्र सरकार को अकबर के किले को उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग को दान कर देना चाहिए ताकि वहां स्थित अक्षयवट के सभी लोग दर्शन कर सके। जब दोनों सरकारें एक ही पार्टी भाजपा की है तो इसमें अड़चन कहां होगी? उन्होंने यह सलाह भी दी कि भाजपा को अर्द्ध कुम्भ के मौके पर कम से कम अपने अहंकार का त्याग तो अवश्य कर देना चाहिए।