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कहा-राम मंदिर निर्माण के लिए लड़ाई रहेगी जारी, स्वामी मिले CM योगी से

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी)में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। भेंट के बाद पत्रकारों ने घिरे सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया। स्वामी ने कहा कि राम मंदिर के लिए लडऩा उनका मूलभूत अधिकार है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए उनकी लड़ाई हर तरफ जारी रहेगी।

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मंदिर निर्माण के लिए मैं अकेला ही काफी
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र और राज्य सरकार राम मंदिर के मामले में ठोस तथा कारगर कार्रवाई नहीं कर रही है तो उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए मैं अकेला ही काफी हूं। मैं तो अब मंदिर निर्माण को लेकर देश के मुस्लिमों से अपील नहीं होश में आने की बात कहूंगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर मेरी पहली याचिका पर फैसला भी होने वाला है। 

मस्जिद के लिए नहीं प्रापर्टी के लिए केस लड़ रहा सुन्नी वक्फ बोर्ड 
स्वामी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड मस्जिद के लिए नहीं प्रापर्टी के लिए केस लड़ रहा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की मांग है वह हमारी प्रोपर्टी है। यह नहीं कहते कि मस्जिद है हमारी। मैं प्रापर्टी के लिए तो पार्टी नहीं हूं। धारा 25 के अनुसार मुझे पूजा करने का अधिकार है। इनका तो सिर्फ प्रापर्टी राइट है। राम मंदिर मेरा मूलभूत अधिकार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की बाबत उन्होंने कहा कि यह सिर्फ औपचारिक मुलाकात थी।

राम मंदिर तो सिर्फ राम जन्मभूमि पर ही बन सकता है
राम मंदिर तो राम जन्मभूमि पर ही बन सकता है, लेकिन मस्जिद कहीं भी बन सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान राम मंदिर जहां पैदा हुए थे वहां आस्था है। पहले तो वहां पर मंदिर था, लेकिन उसको तोड़कर वहां पर मस्जिद बना लिया गया था। 

योगी को बताया अपना हिंदुत्व पार्टनर 
स्वामी ने योगी को अपना हिंदुत्व पार्टनर भी बताया। उन्होंने कहा कि वह योगी आदित्यनाथ को निजी तौर पर जानते हैं, उनके गुरू को वह पहले से जानते हैं। स्वामी बोले कि जब योगी दिल्ली आये थे तो उनके पास समय की कमी थी इसलिए वह नहीं मिल पाये थे। इससे पहले हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के मुद्दे पर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के मुद्दे का हल बातचीत से निकाला जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये निर्देश 
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सुनवाई के दौरान कह चुका है कि राम मंदिर एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा है और यह बेहतर होगा कि इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इसे सुलझाने के लिए सभी पक्ष सर्वसम्मति के लिए एक साथ बैठें।

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