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उत्तर भारत में कुदरत के कहर ने छीन ली 70 लोगों की जिंदगी

नई दिल्ली। उत्तर काशी में आई प्राकृतिक आपदा में मरे और लापता लोगों के शोक से उबर भी न पाए थे कि बीते दो दिनों में ने कुदरत के कहर ने 70 जिंदगियों को लील लिया। पिछले चौबीस घंटे में देश के अलग-अलग हिस्सों में बादल फटने और आकाशीय बिजली गिरने की वजह से भारी जानमाल का नुकसान हुआ है।

हिमाचल प्रदेश में सोमवार को बादल फटने से दर्जन भर से ज्यादा मकान सैलाब में बह गए, जिसमें संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। सैलाब में लोगों के बहने की भी आशंका व्यक्त की गई है। जबकि, बीते रविवार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान में आकाशीय बिजली गिरने की घटना ने 70 से ज्यादा जिंदगियों को लील लिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस असामयिक निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बादल फटने से आई बाढ़ में दर्जनों मकान बह गए। स्थानीय लोगों की मानें तो पर्यटकों की मौजूदगी के बीच हुई इस घटना में दर्जनों मकान समेत जानमाल की क्षति तय है। हालांकि, बाढ़ में कितने लोग बहे इसके बारे में अब तक कोई प्रशासनिक जानकारी सामने नहीं आई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रवक्ता दीपक भूमरिया ने कहा कि सर्च अभियान जारी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पर ट्वीट कर कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अधिकारी राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। वह प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।

इस घटना ने गत फरवरी माह की शुरुआत में उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की घटना के बाद हुई तबाही के घाव ताजा कर दिए हैं। वहां ग्लेशियर फटने के बाद चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ से नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) की जल विद्युत परियोजना पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी।

इस परियोजना से जुड़ी सुरंग में फंसकर काफी संख्या में लोग मारे गए थे। ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई, जबकि तपोवन विष्णुगाड परियोजना को भारी क्षति पहुंची।

गत रविवार को राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से सात बच्चों सहित 18 लोगों की मौत हो गई है। राज्य के अलग-अलग गांवों में हुई घटनाओं में छह बच्चों सहित 21 लोग घायल भी हुए हैं। जबकि मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से 24 घंटों के दौरान 11 लोगों की मौत हुई है और 13 लोग झुलस गए।

सूबे के होशंगाबाद में पानी पी रहे किसान पर बिजली कहर बनकर टूटी। वहीं बैतूल में घर की दहलीज से मौत खींच ले गई। ग्वालियर-चंबल में सात लोगों की मौत हुई है। इनमें ग्वालियर और श्योपुर में बाप-बेटे की मौत हुई है। रीवा में मंदिर परिसर में बिजली गिरने से एक ने दम तोड़ दिया।

उधर, उत्तर प्रदेश में रविवार दोपहर से हुई बारिश और आकाशीय बिजली गिरने से तकरीबन 41 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा प्रयागराज में लोगों की मौत हुई है। यहां बिजली गिरने से 13 लोगों की जान गयी है। जबकि, कानपुर देहात और फतेहपुर में पांच-पांच, जनपद कौशाम्बी में चार लोगों की मौत हुई है। फिरोजाबाद में तीन, उन्नाव, सोनभद्र व हमीरपुर जिले में दो-दो, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, मिर्जापुर व हरदोई, चित्रकूट में एक-एक लोग शामिल हैं।

इसके साथ ही बिजली गिरने से कई लोग झुलस गये, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है।

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