नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति संशोधन अधिनियम 2018 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अत्याचार कानून के तहत शिकायत किए जाने पर प्रारंभिक जांच जरूरी नहीं है, एफआईआर दर्ज करने से पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों या नियुक्ति प्राधिकरण से अनुमति ...
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