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सुषमा स्वराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन, 3 बजे लोदी रोड पर होगा अंतिम संस्कार

दिल्ली स्थित आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का लगा तांता

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। 67 वर्षीय सुषमा स्वराज को दिल का दौरा पड़ने पर मंगलवार की रात 9.35 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था। एम्स के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली और सुषमा स्वराज ने करीब 10.50 बजे एम्स में आखिरी सांस ली।

पिछले कुछ दिनों से सुषमा स्वराज की तबीयत ख़राब चल रही थी। साल 2016 में उनका गुर्दा भी प्रत्यारोपित कराया गया था। बीमारी की वजह से उन्होंने 17वीं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। एम्स में निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके दिल्ली स्थित आवास पर ले जाया गया है। उनके आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एवं केंद्रीय मंत्री उनके घरों पर पहुंच रहे हैं।

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अनुसार बुधवार को पूर्वाह्न 12 बजे तक सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर उनके जंतर-मंतर स्थित घर पर रखा जाएगा। उसके बाद उनका पार्थिव शरीर भाजपा कार्यालय ले जाया जाएगा, जहां लोग दर्शन कर सकेंगे। अपराह्न तीन बजे लोदी रोड श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

 

सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन से राजनीतिक जगत के लोग स्तब्ध हैं। अपने ओजस्वी भाषणों, लंबे अनुभव व मधुर स्वभाव की वजह से वह भारतीय जनता पार्टी के अलावा अन्य दलों के नेताओं की भी पसंदीदा नेत्री हुआ करती थीं। उनके निधन पर सभी दलों के दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

...सुषमा स्वराज करोड़ों लोगों की प्रेरणा स्रोत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनके जाने से भारतीय राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की अलग महिला थीं, जो करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थीं।

…सुष्मा जी ने भारतीय राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता व संसदीय बोर्ड की सदस्य सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन से मन अत्यंत दुखी है। उन्होंने एक प्रखर वक्ता, एक आदर्श कार्यकर्ता, लोकप्रिय जनप्रतिनिधि व एक कर्मठ मंत्री जैसे विभिन्न रूपों में भारतीय राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

गृह मंत्री ने कहा कि सुषमा स्वराज जी के दुखद निधन से मुझे गहरा आघात लगा है। उन्होंने हमेशा मुझे बड़ी बहन का स्नेह दिया और संगठनात्मक सलाह देकर राजनीतिक अभिभावक का फ़र्ज़ निभाया। भारतीय राजनीति में मज़बूत विपक्षी और पूर्व विदेश मंत्री के तौर पर उनकी भूमिका को सदैव स्मरण किया जाएगा। उनके निधन से देश की, पार्टी की और व्यक्तिगत मेरी अपूर्तीय क्षति हुई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। ॐ शांति। सुषमा स्वराज भाजपा की दिग्गज नेताओं में शुमार थीं। विपक्ष के नेता भी उनकी तारीफ किया करते थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विदेश मंत्री के रूप में वह मंत्रालय की कार्यप्रणाली में एक नई तरह की संवेदनशीलता लेकर आईं. उन्होंने कहा कि वह ‘जन मंत्री’ के रूप में जानी जाती थीं

…कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं एक अति-मिलनसार महिला

सुषमा स्वराज के निधन पर बसपा प्रमुख मायावती ने जताया दुख। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी की वरिष्ठ नेता व केन्द्रीय मंत्री रही सुषमा स्वराज के अचानक निधन की खबर अति-दुःखद है। वे काफी कुशल राजनीतिज्ञ व प्रशासक ही नहीं बल्कि एक अति-मिलनसार महिला थीं। उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना।’

…सुष्मा स्वराज असाधारण हस्ती

वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह आम आदमी को विदेश मंत्रालय से जोड़ने वाली असाधारण हस्ती थीं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी स्वराज के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.

राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद ने जताया शोक

कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद ने भी गहरा शोक जाहिर किया है।
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकांउट पर सुषमा को स्वराज को अद्भुत नेता बताया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘सुषमा स्वराज जी के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। वह एक अद्भुत नेता थीं जिनकी पार्टी लाइन से इतर मित्रता थी।’ उन्होंने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें… ऊॅं शांति।

…बहन और एक कुशल राजनेता को खो दिया

गुलाम नबी आजाद ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैंने अपनी बहन और एक कुशल राजनेता को खो दिया है।

…प्रबल राजनीतिज्ञ मिलनसार व्यक्तिव, अद्भुत प्रवक्ता

बॉलीवुड के शाहंशाह अमिताभ बच्चन ने भी शोक जताते हुए सुषमा स्वराज को ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है।
अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया है। वे लिखते हैं कि एक अत्यंत दुखद समाचार! एक बहुत ही प्रबल राजनीतिज्ञ, एक मिलनसार व्यक्तिव, एक अद्भुत प्रवक्ता। आत्मा की शांति के लिए, प्रार्थना।

…अनुच्छेद 370 खत्म होने पर पीएम-गृहमंत्री को दी थी बधाई

मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने और राज्य का पुनर्गठन होने पर शाम को सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। उन्होंने लिखा था, प्रधानमंत्री जी-आपका हार्दिक अभिनन्दन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।

इससे पहले सोमवार को राज्यसभा में उक्त संकल्प पत्र और बिल पारित होने पर सुषमा स्वराज ने गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी थी। उन्होंने लिखा था कि गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को उत्कृष्ट भाषण के लिए बहुत बहुत बधाई। इसके अलावा उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा था कि राज्य सभा के उन सभी सांसदों का बहुत बहुत अभिनन्दन जिन्होंने आज धारा 370 को समाप्त करने वाले संकल्प को पारित करवा कर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी और उनके एक भारत के सपने को साकार किया। उन्होंने यह भी लिखा था कि बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय.. श्रेष्ठ भारत-एक भारत का अभिनन्दन।

…सुषमा स्वराज के नाम दर्ज हैं कई कीर्तिमान

हरियाणा के अम्बाला छावनी में 14 फरवरी 1952 को जन्मीं सुषमा स्वराज के नाम कई कीर्तिमान हैं, जिसे अब देश याद करेगा। 1977 में जब वह 25 साल की थीं, तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं। वे दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं।वह 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे। जिसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में साल 2014 में वो भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनीं।

…नौ बार रहीं सांसद

नौ बार सांसद रहीं सुषमा स्वराज आम लोगों में अपार लोकप्रिय थीं। उनको ट्वीटर पर एक करोड़ 20 लाख से अधिक लोग फॉलो करते थे। वे दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहीं। इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था। बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं।