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संविधान में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ की मांग वाली याचिका पर दखल से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

देश के अंग्रेजी नाम इंडिया को भारत में बदलने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विचार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘संविधान में पहले ही ‘इंडिया’ को ‘भारत’ कहा गया है। हालांकि याचिकाकर्ता के अनुरोध पर कोर्ट ने कहा सरकार याचिका पर ज्ञापन की तरह विचार करेगी।’

इस याचिका में संविधान में देश का नाम ‘इंडिया’ को ‘भारत’ करने की मांग है और कोर्ट से इस बाबत केंद्र को निर्देश देने का आग्रह किया गया है। बता दें कि मंगलवार को इस मामले की कोर्ट में सुनवाई की जानी थी जो चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अनुपस्थिति के कारण नहीं हो सकी।

यह याचिका नमह नामक दिल्ली के किसान की ओर से कोर्ट में डाली गई है और संविधान के आर्टिकल-1 में बदलाव की मांग की गई है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच करेगी। याचिका दायर करने वाले नमह का कहना है कि ‘इंडिया’ को हटाकर ‘भारत’ नाम किया जाना चाहिए क्योंकि इंडिया नाम अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक है।

देश का नाम अंग्रेजी में भी भारत करने से लोगों में राष्ट्रीय भावना बढ़ेगी और देश को अलग पहचान मिलेगी। याचिका दायर करने वाले नमह ने कहा कि प्राचीन काल में देश को भारत के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद अंग्रेजी में देश का नाम ‘इंडिया’ कर दिया गया इसलिए देश के असली नाम ‘भारत’ को ही मान्यता दी जानी चाहिए।