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लॉकडाउन में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा-होम डिलीवरी की व्यवस्था की सोचे सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री पर स्पष्टता और दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए जाने की एक याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से होम डिलीवरी के लिए विचार करने को जरूर कहा।

लॉकडाउन के तीसरे चरण में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शराब की दुकानों को खोलने का फैसला लिया गया है। शराब की दुकानें खुलने के बाद कई जगह पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में शराब की दुकानों को लेकर याचिका दायर की गई थी।

इस याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह राज्य सरकारों का नीतिगत मसला है और वे होम डिलीवरी या ऑनलाइन व्यवस्था कर रही हैं।

बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अशोक भूषण ने कहा, ‘इसे लेकर हम कोई आदेश पारित नहीं करने जा रहे हैं। लेकिन राज्य सरकारों को होम डिलीवरी करने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने पर जरूर विचार करना चाहिए।’

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को चार मई से लागू हुए लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की बिक्री की अनुमति दे दी थी। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कहा था कि शराब की दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर किया जाए। इसके बाद कई जगह लंबी-लंबी कतारें देखी गई थीं।

दिल्ली में पहले ही दिन लंबी कतारें और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने की वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब पर ‘स्पेशल कोरोना फीस’ लगाने का ऐलान किया था, जिससे शराब की कीमत 70 फीसदी बढ़ गई। वहीं, कई और राज्यों ने भी शराब की बिक्री पर सेस लगाने का फैसला लिया है।