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वो भाजपा प्रत्याशी, जिसने 21 साल बाद समाजवादी पार्टी के गढ़ में लगाई सेंध

कन्नौज। लोकसभा चुनाव में ऐसे परिणाम सामने आए हैं, जिसने सभी विपक्षी पार्टियों की नींद उड़ा दी है। इस बार के चुनाव में 2014 से भी बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं और भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है। हालांकि 2019 के लोकसभा  चुनाव में कुछ लोकसभा सीटें ऐसी भी रहीं, जहां के परिणामों ने वाकई सभी को हैरान किया है।

इन परिणामों में पहली तो है अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष का हारना और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी का जीतना और दूसरा रहा समाजवादी पार्टी के गढ़ में भगवा पार्टी का झंडा लहराना। हम बात कर रहे हैं कन्नौज की। जहां की लोकसभा सीट पर लगभग 21 साल  बाद किसी अन्य पार्टी का कब्जा हो सका है। इस बार के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है।

इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने शानादार जीत दर्ज कर डिंपल  यादव को सत्ता से बाहर कर दिया। पाठक ने डिंपल पर 12353 वोटों से जीत हासिल की है और सपा की जीत की लहर को तोड़ दिया है। एक तरफ जहां सुब्रत को 49.37 फीसदी वोट मिले, तो वहीं डिंपल यादव को 48.29 फीसदी ही वोट मिल सके।

बताते चलें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में सुब्रत पाठक दूसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें डिंपल यादव ने 19907 वोटों के अंतर से हराया था। पिछले चुनाव में कन्नौज सीट पर 62.91 फीसदी वोटिंग हुई थी। जिसमें से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव को 43.89 फीसदी वोट मिला था, जबकि सुब्रत पाठक को 42.11 फीसदी वोट यानी 469257 वोट मिले थे।