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कश्मीर के छात्रों को उप्र में नहीं होगी कोई कठिनाई-योगी आदित्यनाथ

 

 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शनिवार को उनके सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग पर अलीगढ़ में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों ने मुलाकात की।

इस संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर के छात्रों को उत्तर प्रदेश में कोई कठिनाई ना हो, इसके लिए हर सम्भव प्रयास किया जाएगा। हम एक लोकतांत्रित समाज में रहते हैं, इसका हमें ध्यान रखना होगा कि संवाद इसका सबसे बड़ा माध्यम होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आने वाला हर छात्र व नागरिक या पर्यटक के लिए सुविधा और सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए हम लोगों ने संवाद स्थापित करना शुरु किया है। इस प्रक्रिया को आगे भी बढ़ायेंगे। कश्मीर से आये आप लोगों से वार्ता करते हुए आपकी हर समस्या का समाधान किया जायेगा। आज हो रहे संवाद में जो बात निकलेगी, उसको हम जम्मू कश्मीर के शासन से बात कर समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं। संवाद होना जरूरी है। संवाद के द्वारा हम अच्छा माहौल बना सकते हैं।

उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके साथ छात्र जो भी बात करेंगे, वह गोपनीय रहेगी। राज्य स्तर की जो समस्या होगी उसे सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही अन्य स्तर पर भी प्रयास किए जाएंगे। किसी को अगर किसी की बात अच्छी नहीं लग रही है तो उसे अलग से उनसे कह सकता है। इसके लिए सभी आमंत्रित हैं और यह अच्छी बात है कि छात्र यहां आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर बच्चे हैं, उनके साथ समय-समय पर वह संवाद करेंगे। सभी लोग अपनी बात रखने में कोई संकोच न करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब वास्तव में क्या है। हमारे जीवन में खुशहाली तभी आनी है, जब विकास होगा। विकास में हम सभी कैसे हिस्सा बन सके, आम नागरिक को सुविधाओं की गारंटी चाहिए। अच्छे भविष्य में हम सभी पहल कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने संवाद करते हुए छात्रों से पूछा कि उन्हें अलीगढ़ से लखनऊ आने में कोई कठिनाई तो नहीं हुई। इसका जवाब देते हुए छात्रों ने कहा कि कोई समस्या नहीं हुई। उन्हें बस से पूरी तरह से सुरक्षा के साथ लाया गया।

मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि आज वह पढ़ाई कर रहे हैं, कल प्रशासनिक नौकरी के लिए भी आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश को आप जानें। उन्होंने कहा कि यहां कृषि की स्थिति बहुत अच्छी है। क्योंकि गंगा और यमुना के किनारे हमारे यहां सबसे ज्यादा है। हमारे यहां सबसे बड़ी उपजाऊ भूमि है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में तो थोड़ा नीचे ही शुद्ध मीठा जल निकल सकता है। एक समय था कि किसान आत्महत्या कर रहे थे। सरकार ने स्थिति में सुधार किया। छोटी-छोटी चीजों में संशोधन कर सब ठीक किया जा सकता है। गन्ना किसानों का यहां छह सात वर्षों से भुगतान नहीं हो पाया था। सरकार ने इस दिशा में पहल की और भुगतान कराया। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए प्रयास किया गया।

उन्होंने कहा कि हमने कृषि विज्ञान केन्द्रों को कृषि विश्वविद्यालय से जोड़ा, राज्य में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं। दुग्ध, सब्जी उत्पादन में भी हम सबसे आगे है। अलग-अलग देखा जाये तो उत्तर प्रदेश में बहुत सारी सम्भावनाएं हैं। हमने राज्य में बाहर से निवेश भी कराया है।