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प्रधानमंत्री मोदी: महंगाई-बेरोजगारी पर सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को दूसरे कार्यकाल की शपथ ली थी, मोदी सरकार 2.0 के तीन साल बीत चुके हैं। इस अवधि में भारत ने कोविड-19 की तीन लहर, मास वैक्सीनेशन, लोगों को मुफ्त राशन, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और यूक्रेन-रूस युद्ध पर सरकार का तटस्थ रुख देखा है। लोकलसर्किल्स पिछले 8 साल से सालाना सर्वे कर रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की परफॉर्मेंस का आकलन किया जाता है। यह सर्वे आम चुनाव से पहले  यानी 6 मार्च 2019 को भी जारी किए गए थे, इसमें कहा गया था कि मोदी सरकार 1.0 अपने 5 साल में लोगों की उम्मीदों पर कहीं ज्यादा खरी उतरी है, 2019 में पीएम मोदी की अगुआई में एनडीए ने 353 सीटें जीती थीं, इसमें अकेले बीजेपी को 303 सीट मिली थीं,30 मई 2022 को मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो गए, इस बार जो स्टडी की गई, उसमें भारत के 350 जिलों में  64,000 से अधिक नागरिकों से लगभग 221,000 प्रतिक्रियाएं मिलीं. इस सर्वे में 65 प्रतिशत पुरुष और 35 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।

इस साल करीब 67 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पिछले 3 साल में सरकार उम्मीद पर या उससे ज्यादा खरी उतरी है,लगभग 33% नागरिकों ने कहा कि सरकार ने उनकी उम्मीद से बढ़कर काम किया है, जबकि 34% ने कहा कि सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरी उतरी है,कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद मोदी सरकार 2.0 की रेटिंग्स पिछले तीन में 51 प्रतिशत से 67 प्रतिशत हो गई है, 37 प्रतिशत लोग मानते हैं कि सरकार बेरोजगारी के मुद्दे पर काम कर रही है, साल 2020 में 29 प्रतिशत लोगों ने माना था कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से देख रही है. जबकि 2021 में इस दर में मामूली गिरावट आई थी. तब 27 प्रतिशत लोगों ने राय रखी थी, इसके अलावा 2020 में 37 प्रतिशत लोग मानते थे कि खुद का रोजगार लगाना आसान हो गया है. 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 44 प्रतिशत और 2022 में 60 प्रतिशत रहा।