अगर हम लड़कियों की बहदुरी और तरक्की की बात करें तो शायद ये शीलसीला कभी खत्म होने का नाम न ले, लेकिन आज हम जिस बेटी की बात करने जा रहें हैं वो किसी बहुत बड़े शहर से तालुख नहीं रखती न किसी बड़े घराने से लेकिन फिर भी इनहोने अपने नाम की मिशाल कुछ ऐसे कायम की की हर शख्स ये जानना चाहता है कि आखिर ऐसा क्या किया की देश से विदेश का रास्ता खुद ब खुद बनता चला गया।
आपको बता दें हम बात कर रहें हैं शिवांजलि पांडेय कि जो बलरामपुर से है जिसे इतना पिछड़ा जिला माना जाता है वहां से निकलकर ऑक्सफोर्ड तक का रास्ता तय करना जिले को नया मुकाम देता नजर आ रहा है। बलरामपुर में जैसी जगह से होने के बावजूद भी एक छात्रा और समाज सेविका जिसका नाम शिवांजलि पांडेय है जिसने बहुत ही मेहनत किया.
दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे बड़े जगह पर चुनाव लड़कर न सिर्फ जिले का नाम रोशन किया बल्कि साथ मे एक लड़की जो कि एक गांव से निकलकर बड़ा नेतृत्व भी कर सकती है उसका एक बड़ी उदाहरण भी बनी।
शिवांजलि अभी दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही है, शिक्षा के क्षेत्र में भी शिवांजलि एक नई मिशाल बन कर उभर रही है अभी कुछ दिन पहले ही उनका सेलेक्शन मलेशिया में होने वाले इंटरनेशनल ग्लोबल में भी हुआ है
समाज को नई दिशा एवं चेंज फ़ॉर बलरामपुर के नाम से मुहिम चलाने वाली शिवांजलि अभी बहुत छोटी है , और महिलाओं में पैड की जागरूकता को लेके वो अपने गांव पर ही सेनेट्री पैड की मशीन लगवाने जा रही और वो।खुद ही गांव गांव जाके उन लड़कियों को जागरूक करेंगी जिन्हें पैड का मतलब नही पता।