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साइटिका के मरीजों के लिए वरदान है ‘शलभासन’

एक बार फिर आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. देवेश श्रीवास्तव की कलम से हम आपको बताने जा रहे हैं शलभासन के फायदे जो रोगों से बचा सकते हैं। 

                                                                     ऐसे करें शलभासन

क्या हैं शलभासन के फायदे 

  • यह आसन पैरों और कमर को मजबूत बनता है।
  • इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी सीधी और मजबूत होती है।
  • जो लोग साइटिका से पीड़ित हैं उन्हें यह आसन किसी वरदान से कम नहीं है।
  • यह आसन कंधों और गर्दन को मजबूत बनाता है।
  • इस आसन का सबसे अधिक फायदा यह है कि यह आसन वजन को कम करता है। यह आसन कमर और पेट की चर्बी को कम करता है। साथ ही पाचन तंत्र को भी सुधारता है।

 शलभासन आसन को करते समय की सावधानी

  • कुछ सावधानियां हैं इस आसन को करने के लिए जिसका पता होना ज्यादा जरूरी है।
  • इस आसन को पहली बारी में ज्यादा देर तक न करें।
  • धीरे-धीरे इस आसन को कुछ दिनों तक करने के बाद ही इसके समय को बढ़ाएं।
  • जिन लोगों को हर्निया, दिल की बीमारी, पेप्टिक अल्सर और आंत की बीमारी हो वे इस आसन को न करें।
  • वे लोग जिनके पेट का आपरेशन हुआ हो वे भी इस आसन को करने से बचें।
  • गर्भिणी महिलाओं को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

यह आसन सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।किसी भी आसन को करने से पहले आप योग विशेषज्ञ से सलाह लें।