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अयोध्या में इस वजह से बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

लखनऊः दशकों से चल रहे राम मंदिर विवाद के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में प्रतिदिन चल रही सुनवाई से अब इस मामले में सुप्रीम फैसला आने का सबको इंतजार है। इसको लेकर प्रदेश सरकार भी काफी चौकन्नी है। ऐसे में अयोध्या को हाई अलर्ट पर रखा गया है और यहां पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती भी की जा रही है।

बता दें कि त्यौहारों और राम जन्मभूमि मुद्दे पर अदालत का फैसला जल्द आने के मद्देनजर अयोध्या में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। अयोध्या को हाई अलर्ट पर रखा गया है और दस अतिरिक्त कंपनियों को शहर में तैनात किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक “ड्रोन के साथ दुर्गा पूजा और दशहरा के जुलूसों की निगरानी सुनिश्चित की जा रही है और पूजा समिति से अनुरोध किया है कि वे जुलूसों के दौरान गुलाल का इस्तेमाल न करें। वे इसके बजाय फूलों की पंखुड़ियों का उपयोग कर सकते हैं।“

जिला प्रशासन ने अतिरिक्त बलों को ठहराने के लिए व्यवस्था करनी शुरू कर दी है। स्थानीय गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं, स्कूलों और कॉलेजों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों को ठहराने में किया जाएगा। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और दशहरा उत्सव सोमवार से शुरू होंगे और विभिन्न राम लीलाएं महीने भर दिवाली तक जारी रहेंगी।

राज्य सरकार द्वारा दिवाली की पूर्व संध्या पर आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय ’दीपोत्सव’ कार्यक्रम में भी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। ऐसे में जिला पुलिस और स्थानीय खुफिया इकाईयों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी होटलों, गेस्ट हाउस, धर्मशाला, लॉज और होम स्टे की जांच शुरू करें और वहां काम करने और रहने वाले लोगों के परिचय पत्र का सत्यापन करें।
यह खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई खतरे की सूचना के मद्देनजर किया जा रहा है।

राम जन्मभूमि विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला भी नवंबर में आने की उम्मीद है और स्थानीय प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था में कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है। इस बीच, जिला प्रशासन सरयू नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए देवी दुर्गा की मूर्तियों के ’भूमि विसर्जन’ की तैयारी कर रहा है। शहर के बाहरी इलाके में बड़े-बड़े गड्ढे खोदे जा रहे हैं, जहां मूर्तियों को भूविसर्जित किया जाएगा।