Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

जन औषधि केंद्र पर अब एक रुपये में मिलेगा सैनेटरी नैपकीन

 

 

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपनी एक और चुनावी घोषणा को मूर्त रूप देते हुए महिला स्वच्छता के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को अपने जन औषधि केंद्रों पर बिकने वाले सैनिटरी नैपकिन की कीमत को 2.50 रुपये से घटाकर अब मात्र एक रुपये प्रति पैड कर दिया। बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन ‘सुविधा’ देश भर के नामित केंद्रों में सब्सिडी मूल्य पर उपलब्ध होंगे। अब तक चार के पैक में बिकने वाला पैक 10 रुपये में मिलता था, लेकिन अब यह मात्र 4 रुपये में मिलेगा।

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को यहां जन औषधि सुविधा ऑक्‍सो-बायोडीग्रेडेबल सैनेटरी नैपकीन की घोषणा करते हुए कहा कि इस सबंध में एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा दिया गया आश्‍वासन अब पूरा हो गया है।

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्‍य मंत्री मनसुखलाल मांडविया ने कहा कि बेहतर सैनेटरी नैपकीन के अभाव के कारण 2.8 करोड़ लड़कियां बीच में पढ़ाई छोड़ देती हैं, क्‍योंकि नैपकीन पैड उन्‍हें उचित दाम पर नहीं मिल पाता। उन्‍होंने कहा कि औषधि विभाग देश भर में फैले प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्‍द्रों के नेटवर्क के जरिए सभी नागरिकों को सस्‍ती दरों पर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कदम से गरीबों के दवा खर्च में पर्याप्‍त कमी आई है।

मोदी सरकार ने 4 जून, 2018 को विश्‍व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्‍या पर ढाई रुपये प्रति पैड की दर से ‘जन औषधि सुविधा ऑक्‍सो-बायोडीग्रेडेबल सैनेटरी नैपकीन’ की शुरुआत की थी। जन औषधि सुविधा की विशेष बात यह है कि जब यह इस्‍तेमाल के बाद ऑक्‍सीजन के संपर्क में आता है तो यह पैड बायोडीग्रेडेबल हो जाता है। 31 अगस्‍त, 2019 तक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्‍द्रों ने 1.30 करोड़ से अधिक पैडों की बिक्री की।

भारत की महिलाओं को सस्‍ती दरों पर सैनेटरी पैड उपलब्‍ध कराने और उन्‍हें सुगम बनाने के लिए सरकार ने अब तय किया है कि इन पैडों को एक रुपये प्रति पैड की दर से उपलब्‍ध कराया जाएगा, जैसा ‘लोकसभा चुनाव-2019’ के पहले प्रधानमंत्री ने वादा किया था।

बाजार में सैनेटरी पैडों की सस्‍ती दरों पर उपलब्‍धता न होने के कारण देश की कई महिलाएं माहवारी के दौरान अस्‍वस्‍थ तरीके अपनाती हैं। इस संबंध में महिलाओं के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है। इससे देश की वंचित महिलाओं के लिए ‘स्‍वच्‍छता, स्‍वास्‍थ्‍य और सुविधा’ सुनिश्चित होगी।

औषधि विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के सबके लिए ‘सस्‍ती और बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा’ दृष्टिकोण को हासिल करना सुनिश्चित हो जाएगा। इस कदम के जरिए प्रधानमंत्री का ‘स्‍वच्‍छ भारत, हरित भारत’ का सपना भी पूरा होगा, क्‍योंकि ये पैड ऑक्‍सो-बायोडीग्रेडेबल तथा पर्यावरण अनुकूल हैं। जन औषधि सुविधा को देश भर के 5500 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्‍द्रों के जरिए बिक्री के लिए उपलब्‍ध कराया जा रहा है।