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RSS ने कहा- महाराष्ट्र हिंसा में भारत विरोधी ब्रिगेड का हाथ

महाराष्ट्र में हुई हिंसा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने चिंता जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। संगठन के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने बुधवार को इसके पीछे जेएनयू में भारत के टुकड़े होंगे का नारा देने वाली ब्रिगेड का हाथ बताया। उज्जैन में संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक के बाद वैद्य ने बताया कि इसमें महाराष्ट्र में पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा पर भी चर्चा हुई। ये घटना बहुत ही दुखद है। 

जेएनयू में 2016 में देश विरोधी नारेबाजी करने वाले लोग अब धर्म और जाति के आधार देश को बांटना चाहते हैं। ये लोग हिंदू समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन संघ ऐसे लोगों को अपने मकसद में कामयाब नहीं होने देगा। आरएसएस ऐसी मानसिकता की कड़ी निंदा करता है।

उन्होंने कहा कि जो लोग भी हिंसा के लिए दोषी पाए जाएं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे विभाजनकारी तत्वों की पहचान करें और उनके बहकावे में न आएं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हम पर आरोप लगाना उनकी पुरानी आदत है। दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने की। इसमें देश की मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा हुई। हालांकि इसमें कोई फैसला नहीं लिया गया।

वैद्य ने बताया कि बैठक में भाजपा, एबीवीपी, भारतीय किसान संघ और संघ परिवार के अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आरएसएस के कैडर बढ़ने का दावा करते हुए उन्होंने बताया कि जनवरी और जून 2017 के बीच दो लाख से ज्यादा युवा संगठन में शामिल हुए। सुबह लगने वाली शाखा की संख्या में भी इजाफा हुआ है।