Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

एम्स में हुई पांच माह के बच्चे के गुर्दे की नली की रोबोटिक सर्जरी

 

ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की टीम ने पांच माह के बच्चे के गुर्दे की नली में रुकावट की रोबोटिक सर्जरी में सफलता प्राप्त की है।
संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकीय टीम की सराहना की है। निदेशक ने रविवार को बताया ​कि संस्थान के बाल शल्य चिकित्सा विभाग में बीते करीब एक साल से बच्चों के जटिलतम ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं। जिसके तहत अब तक करीब 30 ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
इनमें पेल्वियूरेटिक ऑब्सट्रक्शन, कोलेडोकल सिस, हाईडेटिड सिस, स्यूडोपैनक्रिएटिक सिस, पाइलोरिक स्टेनो सिस, विल्म्स ट्यूमर, यूरिट्रिक रिइमप्लांटेशन आदि शामिल हैं। बाल शल्य चिकित्सा विभाग के डा. रजत पिपलानी ने बताया कि रुड़की निवासी परिजन पांच माह के बच्चे के पेट के बाईं तरफ सूजन और बुखार की समस्या को लेकर ऋषिकेश एम्स पहुंचे, जहां बाल शल्य चिकित्सा विभाग ने बच्चे की संपूर्ण जांच कराई। 
जांच के बाद बच्चे के पेट के बाईं तरफ गुर्दे में अत्यधिक सूजन पाई गई जो कि पेल्वियूरेटिक ऑब्सट्रकसन पीयूजेओ नामक बीमारी (गुर्दे के पाइप में जन्मजात रुकावट) के कारण बनी थी। इससे किडनी में पेशाब रुकने के कारण सूजन आ जाती है और कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। 
विभाग के सह आचार्य डाॅ. रजत ने बच्चे के परिजनों को इस बीमारी से अवगत कराया और शल्य चिकित्सा कराने का सुझाव दिया। अमूमन यह ऑपरेशन बच्चे के पेट में चीरा लगाकर या दूरबीन विधि द्वारा किया जाता है, मगर बच्चे की स्थिति के मद्देनजर चिकित्सक ने इस केस में ऑपरेशन को रोबोटिक सर्जरी की सहायता से दूरबीन विधि से कराने की सलाह दी, जिससे नवजात के पेट में बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़े। 
इसके बाद डाॅ. पिपलानी ने चिकित्सकीय टीम के सहयोग से बच्चे के बाएं गुर्दे की नली में रुकावट की सफल पाईलोप्लास्टी ऑपरेशन रोबोटिक सर्जरी की। पांच माह के छोटे शिशु की रोबोटिक सर्जरी की सहायता से दूरबीन विधि द्वारा जटिल सर्जरी की जा सकती है।
चिकित्सक ने बताया कि एम्स संस्थान में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में करीब एक साल से बाल शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। सफल सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में बाल शल्य चिकित्सा विभाग के डाॅ. मनीष कुमार गुप्ता, डाॅ. सुनील, एनेस्थिसिया विभाग के डाॅ. वाईएस पयाल, डाॅ. डीके त्रिपाठी आदि शामिल थे।