दुनिया भर में कोरोना वायरस की वजह से 187,725 लोग संक्रमित हैं। जबकि 7822 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच चीन के हुबेई प्रांत जिनइंतान अस्पताल को शोधकर्ताओं ने एक नया खुलासा किया है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस ‘ए’ ब्लड ग्रुप के इंसानों को ज्यादा प्रभावित करता है। जबकि बल्कि ब्लड ग्रुप ‘ओ’ को संक्रमित होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है।
चीन ने वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन वुहान में किया। वुहान चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी है। यहीं से पूरी दुनिया में कोविड-19 कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है। यह खबर ब्रिटिश अखबार डेली मेल ने प्रकाशित की है।
वुहान में वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से संक्रमित 2173 लोगों पर अध्ययन किया। इनमें से 206 लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई थी। ये लोग हुबेई प्रांत के तीन अस्पतालों में भर्ती थे।
कोरोना वायरस की वजह से मारे गए 206 लोगों में से 85 लोगों का ब्लड ग्रुप ए था। यानी करीब 41 फीसदी। जबकि, 52 लोगों का ब्लड ग्रुप ओ था। यानी करीब 25 फीसदी।
2173 लोगों में से ब्लड ग्रुप ए वाले लोग ज्यादा संक्रमित भी थे। इसमें से 32 फीसदी ब्लड ग्रुप ए के थे, जबकि 26 फीसदी ही ब्लड ग्रुप ओ वाले लोग थे।
रिसर्च में शामिल किए गए सभी लोगों में से ब्लड ग्रुप ए के 38 फीसदी लोग संक्रमित हुए थे, जबकि ब्लड ग्रुप के सिर्फ 26 फीसदी लोग ही इस कोरोना वायरस से प्रभावित हुए थे।
शोधकर्ताओं ने अपने शोध से परिणाम यह निकाला कि ब्लड ग्रुप ओ के कोरोना वायरस से मरने की आशंका बाकी ब्लड ग्रुप से कम है। साथ ये लोग संक्रमित भी देर से होते हैं। वहीं, ब्लड ग्रुप ए वालों के कोरोना से मरने की आशंका ज्यादा है।