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रविदास मंदिर मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लोगों की भावनाओं का सम्मान, कोई बेहतर जगह तलाशकर हल खोजें

 

 

नई दिल्ली। दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर तोड़े जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी लोगों की भावनाओं को समझते हैं। कोर्ट ने कहा कि फॉरेस्ट लैंड पर मंदिर का निर्माण हुआ था। किसी दूसरी जमीन पर मंदिर की स्थापना को लेकर सभी पक्ष आपस में सुलह समझौते से हल निकालें। मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।

हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि 1509 से मौजूद मंदिर को गिराए जाने से धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है। संत रविदास को मानने वाले लोगों को वहां पूजा करने का अधिकार है। मंदिर 600 साल पुराना है, लिहाजा इस पर नए कानून लागू नहीं होते। सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और मंदिर के निर्माण का आदेश दे। याचिका में पूजा के अधिकार के लिए संविधान की धारा 21ए का हवाला दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डीडीए ने पिछले 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था। इसके खिलाफ दिल्ली में पिछले 23 अगस्त को प्रदर्शन भी किया गया था। विरोध प्रदर्शनों पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस धरती पर किसी को भी कोर्ट के आदेश को सियासी रंग देने का अधिकार नहीं है, ये बन्द होना चाहिए। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने पिछले 19 अगस्त को ये टिप्पणी की थी।