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आज है भोजपुरी के महानायक का जन्मदिन, कभी मां ने घर से भागने की दी थी सलाह

‘जिंदगी झंडवा फिर भी घमंडवा’ ये भोजपुरी फेमस डायलॉग तो अपने जहन में बस गया होगा. इस डायलॉग को बोलने वाले एक्टर रवि किशन भोजपुरी फिल्मों महानायक है. उन्होंने हिंदी दक्षिण भाषीय फिल्मों सहित अन्य भाषीय फिल्मों में भी छाये रहते हैं. आज भोजपूरी सुपरस्टार अभिनेता रवि किशन का जन्मदिन है. वे अपना 49वां बर्थडे मना रहे हैं.

बचपन रहा संघर्षमय

17 जुलाई 1969 में यूपी के जौनपुर में जन्में रवि किशन का पूरा नाम रवि किशन शुक्ला है.वि किशन को बचपन से ही अभिनय का बहुत शौक था, वहीं उनके पिता श्याम नारायण शुक्ला को यह बिल्कुल पसंद नहीं था. पिता चाहते थे रवि दूध की डेयरी चलाए क्योंकि उनके घर पर इसका काम होता था. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. पूरा परिवार एक मिट्टी के घर में रहता था.

मां को साड़ी दिलाने के लिये बेचा अखबार

उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे कि वो किसी त्योहार पर अपनी मां के लिए एक साड़ी खरीद सकें. रवि एक बार अपनी मां के लिए साड़ी खरीदना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने तीन महीने तक अखबार बेचने का काम किया था. पैसे जमा कर जब उन्होंने मां को 75 रुपए की साड़ी लाकर दी तो उनकी मां इतना गुस्सा हुई कि उन्हें थप्पड़ मार दिया. सच्चाई पता चलने पर उनकी मां बहुत रोईं.

मां ने कहा था बेटा भाग जा

रवि किशन के अनुसार बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. जब भी गांव में नाटक होता तो वह लड़की का किरदार निभाते थे. यह सब देखने के बाद पिता श्याम नारायण शुक्ला को यह सब ठीक नहीं लगता था. जिसके कारण एक दिन उन्होंने मेरी जमकर पिटाई कर दी. पिटाई देख मां बोली बेटा तुम यहां से जान लेकर भाग जाओं. फिर मैं वहां से मुंबई चला आया. मुंबई में कोई नहीं था. यहां पर पैसे के अभाव में सड़कों पर पैदल चलना पड़ता था. बस का किराया देने के लिए पैसा नहीं होता था.

पिता चाहते थे कि बेटा बने पूजा कराने वाला पंडित

रवि के अनुसार वह गांव में दोस्तों के साथ कई बार मछली मारने चले जाते थे. इसको लेकर भी पिता उनके नाराज होते थे और पिटाई करते थे. वह कहते थे कि पंडित का बेटा होकर मछली मारते हो. वह चाहते थे कि मैं पूजा कराने वाला पंडित बनूं. जिसके बाद कुछ ना भी लाइफ में हो तो इस काम से परिवार को तो चला सकता है.

राजनीति में आजमाया हाथ

रवि किशन ने राजनीति में भी दिलचस्पी दिखाई. शुरू में कांग्रेस की सदस्यता लेकर जौनपुर में लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन निराशा हाथ लगी. उसके बाद कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ थाम लिया. रवि किशन ने 11वीं कक्षा में साथ पढ़ने वाली अपनी दोस्त प्रीति से शादी की.