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श्रीकृष्ण की तर्ज पर रामकृष्‍ण मिशन लोगों को बीमारियों से दिला रहा मुक्ति : रामनाथ कोविंद

 

सरकार के साथ धर्मार्थ संस्‍थाओं के आगे आने से आयुष्मान योजना होगी सफल : योगी आदित्यनाथ

राष्‍ट्रपति ने वृंदावन में रामकृष्ण मिशन की कैंसर यूनिट का किया शुभारंभ

मथुरा। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भगवान कृष्ण ने जनसाधारण को अत्याचार से मुक्ति के लिए यहां जन्म लिया और वृन्दावन को अपनी लीला भूमि बनाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भगवान श्रीकृष्ण ने लोगों को अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी, ठीक उसी तर्ज पर रामकृष्‍ण मिशन लोगों को बीमारियों से मुक्ति दिला रहा है। 112 साल पहले जिस चार बेड के अस्पताल ने अपनी सेवा शुरू की थी, वह आज कैंसर जैसी बीमारी का उपचार अत्याधुनिक तकनीक से करेगा।

उन्होंने गुरुवार को वृंदावन में रामकृष्‍ण मिशन सेवाश्रम के शारदा ब्‍लॉक का लोकार्पण करते हुए कहा कि आज जनसाधारण को रोग मुक्त करने के लिए मिशन ने भगवान कृष्ण की पावन भूमि को चुना, इसके लिये मिशन को बधाई देता हूं। राष्‍ट्रपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि 2017 में मैं यहां लैब का उद्घाटन करने आया था। आज मुझे अस्पताल के उद्घाटन का शुभ अवसर प्रदान हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस संस्था से महात्मा गांधी एवं अन्य बड़ी हस्तियां सदैव जुड़ी रही हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शारदा ब्‍लॉक में 300 बेड के इस अस्पताल में मरीजों के स्‍वास्‍थ के लिए बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। कैंसर जैसी बीमारी के लिए ये अस्पताल बहुत उपयोगी साबित होगा। वृंदावनवासियों को बेहतरीन केंद्र मिला है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में सेवा को ही धर्म माना गया है। स्वामी विवेकानंद ने धर्म को सेवा से जोड़कर लोक कल्याण का जो माध्यम बनाया, आज रामकृष्ण मिशन की विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से हमें वह साक्षात देखने को मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्‍तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयुष्‍मान भारत लागू करने के बाद स्‍वास्‍थ्‍य की सुविधाएं हरेक व्‍यक्ति को प्राप्‍त करने के पर्याप्‍त साधन हैं लेकिन सरकारी संस्‍थाओं के साथ धर्मार्थ संस्‍थाओं का बड़ा योगदान हो सकता है। इसमें रामकृष्‍ण मिशन का सहयोग सराहनीय है। आयुष्‍मान भारत योजना तभी सार्थक और सफल हो सकेगी जब सरकारी संस्‍थाओं के साथ धर्मार्थ संस्‍थाएं भी आगे आएंगी।

रामकृष्‍ण मिशन सेवाश्रम में कार्यक्रम के बाद राष्‍ट्रपति ने बांकेबिहारी मंदिर दर्शन किए। राष्ट्रपति के बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों के लिए पट बंद कर दिए गए थे। वहां के सेवायतों को भी बाहर कर दिया गया था। बिहारीजी के दर्शन के बाद राष्‍ट्रपति का काफिला परिक्रमा मार्ग स्थित निकुंजवन और फिर अक्षयपात्र परिसर पहुंचेगा। निकुंजवन पहुंचकर राष्‍ट्रपति संत विजय कोशल महाराज के साथ एकांत कुटिया में आध्यात्मक चर्चा करेंगे। इसके बाद वह अक्षयपात्र में बनी विशाल किचन का अवलोकन करेंगे और ब्रज के नन्हें-मुन्ने बच्चों को भोजन कराएंगे। तदोपरांत खुद भोजन भी करेंगे। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से रवाना हो जाएंगे।