राजनांदगांव। किसी भी माता-पिता के लिए उसकी संतान से बड़ी कोई संपत्ति नहीं होती है। यही कारण है कि अगर बेटे के मुंह से कुछ भी निकलता है, तो मां-बाप उसे पूरा करने के लिए अपने खर्चे काट लेते हैं लेकिन उसकी वह ख्वाहिश पूरी कर देते हैं। राजनांदगांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है लेकिन इस मामले को जानने के बाद आप भी दंग रह जाएंगे।
दरअसल यहां पर एक बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए मां ने अपने सारे दर्द और संवेदनाएं किनारे कर दिए। दरअसल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में अपने बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए साहस भरा फैसला किया। लोक कलाकार बेटे को लोक ‘गीत चोला माटी के राम…’ काफी पसंद था। ऐसे में बेटे की अंतिम इच्छा थी कि जब उसके शव की अंतिम यात्रा निकले तो यही गीत गाया जाए।
ऐसे में बीते शनिवार को बेटे के असमय हुए निधन ने जहां मां को हिला कर रख दिया, तो वहीं मां ने भी अपनी संवेदनाओं पर काबू करते हुए बेटे की इच्छा पूरी की। वह अपने बेटे की अर्थी के सामने बैठकर ही वह लोकगीत गाती रही। सूरज तिवारी नाम के रंगकर्मी और संगीतकार का 30 साल की उम्र में शनिवार के आकस्मिक निधन हो गया, जिसके बाद उनकी मां अपने बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उसके शव के सामने ही वह लोक गीत गाया, जो उसे बेहद पसंद था। इसी लोकगीत के साथ ही उन्होंने अपने बेटे को अंतिम विदाई दी।