Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

24 फ़रवरी को यूक्रेन पर आक्रमण शुरू होने से पहले ही चीन में शीतकालीन ओलंपिक के दौरान राष्ट्रपति पुतिन हाई प्रोफ़ाइल के थे मेहमान

यूक्रेन और उसके सहयोगी देश, जिनमें ब्रिटेन भी शामिल है, रूस को पिछले एक हज़ार साल से धमका रहे हैं, वो नेटो को हमारी सीमाओं के क़रीब लाने की धमकी दे रहे हैं, हमारी संस्कृति को खारिज करना चाहते हैं। इन्हें सावधानीपूर्वक जुटाए गए सबूतों का अपमान भी माना जा सकता है। रूस ने जब 24 फ़रवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला बोला तो संयुक्त राष्ट्र ने निंदा प्रस्ताव पर आपात मतदान कराया जिसमें संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 141 ने रूस के विरोध में वोट किया। लेकिन कई प्रमुख देश इस मतदान से अनुपस्थित रहे इनमें भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका भी शामिल थे। ऐसे में अगर पश्चिमी नेता ये सोचते हैं कि पूरी दुनिया नेटो के नज़रिए का समर्थन करती है तो ये एक भ्रम ही होगा नेटा का विचार है कि यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस ही पूरी तरह से ज़िम्मेदार हैं।
सीधे तौर पर सैन्य और आर्थिक हित, पश्चिमी देशों पर दोगले मापदंडों के आरोपों से लेकर यूरोप का उपनिवेशिक इतिहास तक शामिल हैं। कोई एक कारण सभी देशों पर लागू नहीं हैं।
ये दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है जहां 140 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं।
24 फ़रवरी को यूक्रेन पर आक्रमण शुरू होने से पहले ही चीन में शीतकालीन ओलंपिक के दौरान राष्ट्रपति पुतिन हाई प्रोफ़ाइल मेहमान थे। पुतिन की यात्रा के बाद चीन की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया था कि दोनों देशों के बीच सहयोग की कोई सीमा नहीं है। क्या पुतिन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग को पहले ही बता दिया था कि वो यूक्रेन पर बड़ा हमला करने जा रहे हैं।