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निर्भया का दोषी पवन पहुंचा कोर्ट, कहा-मुझे पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हो केस

 

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के एक दोषी पवन ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में याचिका दायर कर मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मंडोली जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है और 12 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। पवन ने याचिका में कहा है कि पुलिस कर्मियों की पिटाई से उसके सिर में चोटें आई हैं।

 

निर्भया मामले के दोषी विनय शर्मा ने पिछली 09 मार्च को दिल्ली के उप-राज्यपाल के समक्ष अर्जी दाखिल की थी। विनय शर्मा ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है। विनय ने वकील एपी सिंह के जरिये दायर अर्जी में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 432 और धारा 433 के तहत फांसी की सजा को निलंबित करने की मांग की है।

पिछली 5 मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने चौथी बार निर्भया गैंगरेप के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया है। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने का आदेश दिया है। इसके पहले पिछली 02 मार्च को कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों की 3 मार्च को फांसी देने के आदेश पर रोक लगा दी थी।

कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की राष्ट्रपति के यहां दया याचिका लंबित होने की वजह से फांसी की सजा पर रोक लगाई थी। 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की क्युरेटिव याचिका खारिज कर दी थी। जिसके तुरंत बाद 2 मार्च को ही पवन गुप्ता की ओर से राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर की गई। इसके पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछली 17 फरवरी को निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया था। कोर्ट ने 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था।