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दक्षिण एशिया में मानवाधिकार के मामले में पाकिस्तान सबसे निचले पायदान पर : विदेश मंत्री

 

 

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वास्तव में दक्षिण एशिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन का लेखा-जोखा लिया जाए तो पाकिस्तान सबसे निचले पायदन पर होगा।

वर्तमान सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मंत्रालय के कामकाज की जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेसवार्ता में विदेशमंत्री ने पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया। उन्होंने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिन्दू मंदिरों पर हमलों और हिन्दू बालिकाओं के अपहरण के बारे में कहा कि इस तरह की घटनायें पिछले काफी समय से जारी हैं। हाल में एक सिख बालिका के अपहरण की बात भी संज्ञान में आई है।

उन्होंने कहा कि वास्तव में पिछले 70र साल के दौरान पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों का पलायन जारी है। अल्पसंख्यकों की संख्या में नाटकीय ढंग से भारी कमी आई है। पाकिस्तान इस तथ्य को छिपाता रहा है तथा अल्पसंख्यकों की जनसंख्या के बारे में आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि इतने बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला पाकिस्तान आज भारत को मानवाधिकारों का पाठ पढ़ाने की हिमाकत कर रहा है।

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के भारतीय राजनयिक की भेंट का प्राथमिक उद्देश्य उसका कुशलक्षेम जानना था। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के लिए पाकिस्तान की ओर से जो असंतोषजनक तौर तरीके अपनाये गए, उसके बावजूद भारतीय राजनयिक ने जाधव से मुलाकात की। हम जानना चाहते थे कि जाधव का स्वास्थ्य कैसा है।

विदेश मंत्री से प्रेसवार्ता में यह सवाल पूछा गया था कि पाकिस्तान की रोकटोक के बावजूद भारत ने मुलाकात का फैसला क्यों किया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का निश्चित मत है कि जाधव के बारे में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को शाब्दिक और सही भाव के साथ लागू किया जाए। हमारा प्रयास यह है कि अंतत: एक निर्दोष भारतीय को न्याय मिले और उसकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित हो।

करतारपुर साहिब से जुड़े कोरिडोर के बारे में उन्होंने कहा कि यह निश्चित समय पर चालू हो जाएगा। इससे संबंधित सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है।