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श्राद्ध पक्ष में पितरों की सद्गति व विश्व कल्याण के उद्देश्य से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

सिरसा।( सतीश बंसल )   पिछले 21 वर्षों की भांति इस बार भी श्री आश्विन श्राद्ध पक्ष में पितरों की सद्गति व
विश्व कल्याण के उद्देश्य से सिरसा के भादरा पार्क स्थित श्री बंसीवट बांके बिहारी मंदिर के पवित्र प्रांगण में
संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो रहा है जिसमें विश्व विख्यात कथा व्यास पंडित सुगन शर्मा
बंसीवट अपने ओजस्वी वाणी से कथा का रसपान करवा रहे हैं। कथा के तृतीय दिवस पर पंडित जी ने भारत विषय
क्षेत्र का वर्णन किया। भरत का हिरण के शावक के प्रति मोह होने पर अगले जन्म हिरण का शरीर मिलने पर व
भागवत भक्ति कर पुन: मनुष्य जीवन मिलने की कथा सुनाई गई जिसमें भरत के रूप में जन्म लेकर समस्त
जीवो के प्रति करुणा भाव रखने और एक कुशल शासक के रूप में अपना चित्र स्थापित करने और मोक्ष गति प्राप्ति
की कथा सुनाई। भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत वर्ष के रूप में हुआ।
पंडित ने भक्त प्रहलाद द्वारा छोटी सी आयु में ही भगवान के प्रति भक्ति भाव उत्पन्न होने पर ज्ञान प्राप्त कर
अपने पिता हिरण्यकश्यप को ज्ञान देने की कथा सुनाई व समस्त संसार को यह पाठ सिखाया कि भक्ति की कोई
उम्र नहीं होती। अगर इसी जन्म में दर्शन चाहते हो तो बचपन में ही भगवान की भक्ति करो और अगर बुढ़ापा
सुधारना चाहते हो तो जवानी में भक्ति करो और अगर अगला जन्म सुधारना चाहते हो तो बुढ़ापे में भगवान की
भक्ति करो। भगवान अवतार लेकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और हिरण्यकश्यप का वध करते हैं। अगर भक्ति
में भाव है तो भगवान प्रत्येक वस्तु प्राणी है और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
पंडित सुगन नेे भगवान द्वारा राजा बलि का अहंकार भंग कर तीन पग धरती मांगने पर वामन अवतार धारण

करने की बहुत ही सुंदर कथा सुनाई और तेरे द्वार खड़ा भगवान भजन सुनाकर समा बांधा। श्रोता झूम उठे और
भगवान के वामन अवतार की झांकी का दर्शन किए। हजारों की संख्या में सुंदर-सुंदर भजनों का आनंद ले रहे थे
और इस कथा का रसपान भी कर रहे थे। इस कलयुग में हरि नाम संकीर्तन ही एकमात्र साधन है तन को पानी में

भिगोकर जीवन जिया जा सकता है। इस जीवन को सही तरीके से कैसे जिया जाए, की प्रेरणा देते हैं फिर भी
अनजाने में हम बुद्धिमान होने पर भी इस जीवन को नष्ट कर देते हैं। कथा के शुरू से अंत तक पंडित सीताराम
ध्यान मग्र रहे। इस भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में इंद्र गोयल चिड़ावावाले, बिशंबर शर्मा, संजय मैहमिया, उमा वर्मा
सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।