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छात्रों की फीस माफ़ कराने के लिए शुरू हुआ ऑनलाइन धरना, फेसबुक लाईव के जरिए लोगो ने की मांग

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के नेतृत्व में मानव संसाधन मंत्रालय सहित सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिखकर 7 अप्रैल से लगातार मांग की जा रही है कि सभी बच्चों की फीस सरकार RTE के तहत निर्धारित फीस, लाकडाउन के दौरान की ३ महीने की फीस स्कूलों को भुगतान करे जिससे अभिभावकों को राहत मिल सके क्यूंकि इस संक्रमण काल में सभी नागरिकों की स्थिति एक समान हो गई है, इसी मांग के लिए आज तमाम लोगों नें घर पर धरना दिया और फेसबुक लाईव के माध्यम से अपनी मज़बूरी बताते हुए सरकार से मांग किया।

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चन्द्र नें कहा कि नागरिकों को आर्थिक न्याय का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है, जब देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, लोगों की आमदनी नगण्य हो चुकी है, ऐसे में सभी बच्चों की फीस RTE कानून के तहत आर्थिक कमजोर वर्ग हेतु निर्धारित फीस सरकार स्कूलों को भुगतान करे जिससे नागरिकों को आर्थिक न्याय मिल सके और देश के दोयम दर्जे का नागरिक होने का एहसास न हो।

देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, जिससे लगभग सभी प्रकार का व्यवसाय बंद है, लोग गुजारा कर रहे हैं और सरकार के निर्देशानुसार अपने व्यवसाय के कर्मचारियों को तनख्वाह देकर उनका जीवन यापन करा रहे हैं, मकान के किरायेदारों को राहत दे रहे हैं, जबकि दुकानों का किराया, बिजली आदि भी भुगतान कर रहे हैं सरकार से राहत पाए बिना।

देश के नागरिक निरंतर सरकार को अपना वित्तीय योगदान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के रूप में देता रहता हैं। आज जब आपदा की स्थिति से लोग गुजर रहे हैं तो इस सरकार से कम से कम अपने बच्चों की फीस माफ़ी की अपेक्षा करते हैं ही हैं।

लोगो द्वारा किये गए फेसबुक लाईव के लिंक :

सभी नागरिक, अभिभावक चाहे जिस पार्टी संगठन के होंन इस जनहित धरनें में शामिल हों जिससे राहत ही नहीं, नागरिक अधिकार मिले क्यूंकि हम दोयम दर्जे के नागरिक नहीं हैं |——————————————————————————प्राइवेट स्कूल के छात्रों की फीस माफ़ कराने हेतु रविवार से होगा धरना——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें किया अभिभावकों से अपील, फीस माफ़ी धरनें में शामिल हों, हैश टैग ट्रेंड चलाया जायेगा #स्कूलफीस_माफ़करो——————————————————————————रविवार 24 मई से रोज़ सुबह 11 बजे से घर पर एक कागज़ पे #स्कूलफीस_माफ़करो लिखकर बैठिये जितने समय बैठ सकें और फेसबुक लाईव करें जिससे सबको नोटिफिकेशन जा सके फिर शाम को 8 बजे वाच पार्टी कीजिये जिससे इस मांग को बल मिले |——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें मानव संसाधन मंत्रालय सहित सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिखकर बताया कि स्कूल फीस माफ़ी की मांग 7 अप्रैल से लगातार किया जा रहा है, अगर लाकडाउन की स्कूल फीस अब भी माफ़ नहीं हुई तो रविवार 24 मई से सुबह 11 बजे से देश के अभिभावक गण से रोज़ अपने घरों पर धरना देने की अपील की है |मांग है कि देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, जिससे लगभग सभी प्रकार का व्यवसाय बंद है, लोग गुजारा कर रहे हैं और सरकार के निर्देशानुसार अपने व्यवसाय के कर्मचारियों को तनख्वाह देकर उनका जीवन यापन करा रहे हैं, मकान के किरायेदारों को राहत दे रहे हैं, जबकि दुकानों का किराया, बिजली आदि भी भुगतान कर रहे हैं सरकार से राहत पाए बिना |देश के नागरिक निरंतर सरकार को अपना वित्तीय योगदान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के रूप में देते रहते हैं | आज जब आपदा की स्थिति से नागरिक गुजर रहे हैं तो इस संक्रमण काल में सरकार से कम से कम अपने बच्चों की फीस माफ़ी की अपेक्षा करते हैं |विदित हो कि सभी स्कूलों में 25% गरीब छात्रों की फीस RTE के तहत सरकार भुगतान करती है, इस संक्रमण काल में सभी नागरिकों की स्थिति एक सामान हो गई है, लिहाज़ा सरकार को सभी छात्रों की फीस RTE के तहत भुगतान करना न्यायोचित होगा |अतः माननीय से सादर अनुरोध है कि किसी तरह से गुजारा कर रहे नागरिकों के बच्चों की प्राइवेट स्कूलों की फीस सरकार द्वारा RTE के तहत निर्धारित 4000 रूपया सालाना फीस के हिसाब से सरकार प्राइवेट स्कूलों को भुगतान करे जिससे नागरिकों, खास तौर से निम्न और मध्यम वर्गीय नागरिकों को लाकडाउन के समय की फीस का बोझ न पड़े जिससे नागरिक को संक्रमण काल में राहत मिल सके और देश के दोयम दर्जे के नागरिक का एहसास न हो सके |

Gepostet von Pratap Chandra Rashtrawadi am Samstag, 23. Mai 2020

सभी नागरिक #स्कूलफीस_माफ़करो धरनें में शामिल हों जिससे राहत ही नहीं, नागरिक अधिकार मिले क्यूंकि हम दोयम दर्जे के नागरिक नहीं हैं |——————————————————————————प्राइवेट स्कूल के छात्रों की फीस माफ़ कराने हेतु रविवार से होगा धरना——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें किया अभिभावकों से अपील, फीस माफ़ी धरनें में शामिल हों, हैश टैग ट्रेंड चलाया जायेगा #स्कूलफीस_माफ़करो——————————————————————————रविवार 24 मई से रोज़ सुबह 11 बजे से घर पर एक कागज़ पे #स्कूलफीस_माफ़करो लिखकर बैठिये जितने समय बैठ सकें और फेसबुक लाईव करें जिससे सबको नोटिफिकेशन जा सके फिर शाम को 8 बजे वाच पार्टी कीजिये जिससे इस मांग को बल मिले |——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें मानव संसाधन मंत्रालय सहित सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिखकर बताया कि स्कूल फीस माफ़ी की मांग 7 अप्रैल से लगातार किया जा रहा है, अगर लाकडाउन की स्कूल फीस अब भी माफ़ नहीं हुई तो रविवार 24 मई से सुबह 11 बजे से देश के अभिभावक गण से रोज़ अपने घरों पर धरना देने की अपील की है |मांग है कि देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, जिससे लगभग सभी प्रकार का व्यवसाय बंद है, लोग गुजारा कर रहे हैं और सरकार के निर्देशानुसार अपने व्यवसाय के कर्मचारियों को तनख्वाह देकर उनका जीवन यापन करा रहे हैं, मकान के किरायेदारों को राहत दे रहे हैं, जबकि दुकानों का किराया, बिजली आदि भी भुगतान कर रहे हैं सरकार से राहत पाए बिना |देश के नागरिक निरंतर सरकार को अपना वित्तीय योगदान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के रूप में देते रहते हैं | आज जब आपदा की स्थिति से नागरिक गुजर रहे हैं तो इस संक्रमण काल में सरकार से कम से कम अपने बच्चों की फीस माफ़ी की अपेक्षा करते हैं |विदित हो कि सभी स्कूलों में 25% गरीब छात्रों की फीस RTE के तहत सरकार भुगतान करती है, इस संक्रमण काल में सभी नागरिकों की स्थिति एक सामान हो गई है, लिहाज़ा सरकार को सभी छात्रों की फीस RTE के तहत भुगतान करना न्यायोचित होगा |अतः माननीय से सादर अनुरोध है कि किसी तरह से गुजारा कर रहे नागरिकों के बच्चों की प्राइवेट स्कूलों की फीस सरकार द्वारा RTE के तहत निर्धारित 4000 रूपया सालाना फीस के हिसाब से सरकार प्राइवेट स्कूलों को भुगतान करे जिससे नागरिकों, खास तौर से निम्न और मध्यम वर्गीय नागरिकों को लाकडाउन के समय की फीस का बोझ न पड़े जिससे नागरिक को संक्रमण काल में राहत मिल सके और देश के दोयम दर्जे के नागरिक का एहसास न हो सके |

Gepostet von Umesh Chauhan am Samstag, 23. Mai 2020

#स्कूलफीस_माफकरो

Gepostet von Pavitra Srivastava Rashtrawadi am Samstag, 23. Mai 2020

पार्टी, संगठन, धर्म, जाति से ऊपर उठकर बिना शर्म किये धरनें में शामिल हों जिससे राहत ही नहीं, नागरिक अधिकार मिले क्यूंकि हम दोयम दर्जे के नागरिक नहीं हैं |——————————————————————————प्राइवेट स्कूल के छात्रों की फीस माफ़ कराने हेतु रविवार से होगा धरना——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें किया अभिभावकों से अपील, फीस माफ़ी धरनें में शामिल हों, हैश टैग ट्रेंड चलाया जायेगा #स्कूलफीस_माफ़करो——————————————————————————रविवार 24 मई से रोज़ सुबह 11 बजे से घर पर एक कागज़ पे #स्कूलफीस_माफ़करो लिखकर बैठिये जितने समय बैठ सकें और फेसबुक लाईव करें जिससे सबको नोटिफिकेशन जा सके फिर शाम को 8 बजे वाच पार्टी कीजिये जिससे इस मांग को बल मिले |——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें मानव संसाधन मंत्रालय सहित सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिखकर बताया कि स्कूल फीस माफ़ी की मांग 7 अप्रैल से लगातार किया जा रहा है, अगर लाकडाउन की स्कूल फीस अब भी माफ़ नहीं हुई तो रविवार 24 मई से सुबह 11 बजे से देश के अभिभावक गण से रोज़ अपने घरों पर धरना देने की अपील की है |मांग है कि देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, जिससे लगभग सभी प्रकार का व्यवसाय बंद है, लोग गुजारा कर रहे हैं और सरकार के निर्देशानुसार अपने व्यवसाय के कर्मचारियों को तनख्वाह देकर उनका जीवन यापन करा रहे हैं, मकान के किरायेदारों को राहत दे रहे हैं, जबकि दुकानों का किराया, बिजली आदि भी भुगतान कर रहे हैं सरकार से राहत पाए बिना |देश के नागरिक निरंतर सरकार को अपना वित्तीय योगदान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के रूप में देते रहते हैं | आज जब आपदा की स्थिति से नागरिक गुजर रहे हैं तो इस संक्रमण काल में सरकार से कम से कम अपने बच्चों की फीस माफ़ी की अपेक्षा करते हैं |विदित हो कि सभी स्कूलों में 25% गरीब छात्रों की फीस RTE के तहत सरकार भुगतान करती है, इस संक्रमण काल में सभी नागरिकों की स्थिति एक सामान हो गई है, लिहाज़ा सरकार को सभी छात्रों की फीस RTE के तहत भुगतान करना न्यायोचित होगा |अतः माननीय से सादर अनुरोध है कि किसी तरह से गुजारा कर रहे नागरिकों के बच्चों की प्राइवेट स्कूलों की फीस सरकार द्वारा RTE के तहत निर्धारित 4000 रूपया सालाना फीस के हिसाब से सरकार प्राइवेट स्कूलों को भुगतान करे जिससे नागरिकों, खास तौर से निम्न और मध्यम वर्गीय नागरिकों को लाकडाउन के समय की फीस का बोझ न पड़े जिससे नागरिक को संक्रमण काल में राहत मिल सके और देश के दोयम दर्जे के नागरिक का एहसास न हो सके |

Gepostet von Anil Mishra am Samstag, 23. Mai 2020

पार्टी, संगठन, धर्म, जाति से ऊपर उठकर बिना शर्म किये धरनें में शामिल हों जिससे राहत ही नहीं, नागरिक अधिकार मिले क्यूंकि हम दोयम दर्जे के नागरिक नहीं हैं |——————————————————————————प्राइवेट स्कूल के छात्रों की फीस माफ़ कराने हेतु रविवार से होगा धरना——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें किया अभिभावकों से अपील, फीस माफ़ी धरनें में शामिल हों, हैश टैग ट्रेंड चलाया जायेगा #स्कूलफीस_माफ़करो——————————————————————————रविवार 24 मई से रोज़ सुबह 11 बजे से घर पर एक कागज़ पे #स्कूलफीस_माफ़करो लिखकर बैठिये जितने समय बैठ सकें और फेसबुक लाईव करें जिससे सबको नोटिफिकेशन जा सके फिर शाम को 8 बजे वाच पार्टी कीजिये जिससे इस मांग को बल मिले |——————————————————————————राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें मानव संसाधन मंत्रालय सहित सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिखकर बताया कि स्कूल फीस माफ़ी की मांग 7 अप्रैल से लगातार किया जा रहा है, अगर लाकडाउन की स्कूल फीस अब भी माफ़ नहीं हुई तो रविवार 24 मई से सुबह 11 बजे से देश के अभिभावक गण से रोज़ अपने घरों पर धरना देने की अपील की है |मांग है कि देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, जिससे लगभग सभी प्रकार का व्यवसाय बंद है, लोग गुजारा कर रहे हैं और सरकार के निर्देशानुसार अपने व्यवसाय के कर्मचारियों को तनख्वाह देकर उनका जीवन यापन करा रहे हैं, मकान के किरायेदारों को राहत दे रहे हैं, जबकि दुकानों का किराया, बिजली आदि भी भुगतान कर रहे हैं सरकार से राहत पाए बिना |देश के नागरिक निरंतर सरकार को अपना वित्तीय योगदान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के रूप में देते रहते हैं | आज जब आपदा की स्थिति से नागरिक गुजर रहे हैं तो इस संक्रमण काल में सरकार से कम से कम अपने बच्चों की फीस माफ़ी की अपेक्षा करते हैं |विदित हो कि सभी स्कूलों में 25% गरीब छात्रों की फीस RTE के तहत सरकार भुगतान करती है, इस संक्रमण काल में सभी नागरिकों की स्थिति एक सामान हो गई है, लिहाज़ा सरकार को सभी छात्रों की फीस RTE के तहत भुगतान करना न्यायोचित होगा |अतः माननीय से सादर अनुरोध है कि किसी तरह से गुजारा कर रहे नागरिकों के बच्चों की प्राइवेट स्कूलों की फीस सरकार द्वारा RTE के तहत निर्धारित 4000 रूपया सालाना फीस के हिसाब से सरकार प्राइवेट स्कूलों को भुगतान करे जिससे नागरिकों, खास तौर से निम्न और मध्यम वर्गीय नागरिकों को लाकडाउन के समय की फीस का बोझ न पड़े जिससे नागरिक को संक्रमण काल में राहत मिल सके और देश के दोयम दर्जे के नागरिक का एहसास न हो सके |

Gepostet von Vipin Tiwari Rashtrwadi am Samstag, 23. Mai 2020

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Gepostet von Suresh Sabarwal am Samstag, 23. Mai 2020