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राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने संयुक्त उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए की मुलाकात

देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, लोगों की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है। देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। फिलहाल बुधवार को विपक्षी दलों की एक संयुक्त बैठक बुधवार को राजधानी के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में हुई। इस बैठक को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुलाई थी। हालांकि इसमें उनके आग्रह के बावजूद कई दलों के नेता नहीं शामिल हुए। इस दौरान कौन-कौन नेता बैठक में शामिल हो रहा है, इस पर सभी की नजर थी। क्लब के गेट से अंदर आने वाली गाड़ियों और उससे उतरने वाले लोगों पर मीडिया के लोग खास तौर पर नजरें गड़ाए हुए थे।

इस दौरान एक एसयूवी अंदर प्रवेश की तो सभी पत्रकार उसकी ओर देखने लगे, लेकिन उसमें से बाहर निकले शख्स को कोई पहचान नहीं सका। वह शख्स कांफ्रेंस हॉल की दहलीज पर पहुंचा तो सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक लिया। वापस जाते समय, खुद को स्वयंभू योगी बताने वाले शख्स जो प्रेस क्लब और फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब जैसे स्थानों में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अक्सर शामिल होते रहे हैं, ने घोषणा की कि वह आगामी राष्ट्रपति चुनावों में अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन लेने आए हैं। उन्होंने घोषणा की “मुझे नेताओं से आश्वासन मिला है।” बाद में बैठक की आयोजक ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा कि अभी राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से किसी नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई है, लेकिन यह तय है कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का एक साझा उम्मीदवार उतरेगा। टीआरएस और आम आदमी पार्टी समेत कुछ दलों के बैठक में नहीं आने पर उन्होंने कहा कि किसी विशेष वजह से कुछ पार्टियां नहीं आई, लेकिन इसमें संदेह नहीं कि विपक्ष एकजुट होकर राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतरेगा। शरद पवार ने भी कहा कि विपक्षी खेमे के जो दल आज नहीं आए थे उनसे भी बातचीत कर उम्मीदवारी पर राय ली जाएगी और सर्वसम्मति से विपक्ष का उम्मीदवार तय होगा। जब 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए मुलाकात की, तो भाजपा के वरिष्ठ नेता बुधवार को उन दो नेताओं राकांपा के शरद पवार और नेकां के फारूक अब्दुल्ला के पास पहुंचे, जो टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में तीन संभावित उम्मीदवार के रूप में हैं। तीसरा नाम पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी का है।