Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

अब उत्तर प्रदेश मे JEE के माध्यम से होंगे छात्र-छात्राओं के दाखिले, अगले साल से होगा…

प्रदेश के तकनीकी विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी दाखिले अब संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के जरिये हो सकते है। नई व्यवस्था को वर्ष 2021 से लागू करने की तैयारी है। राज्य सरकार इन संस्थानों में विश्वविद्यालय स्तर से होने वाली परीक्षा के तहत दाखिले की व्यवस्था खत्म करने जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दाखिले की नई व्यवस्था को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। इससे प्रदेश के छात्रों को इंजीनियरिंग संस्थानों में अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी से मुक्ति मिल सकती है।

इसके अलावा प्रदेश में अभी राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा का आयोजन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) करता है। वही इसी परीक्षा की मेरिट के आधार पर प्रदेश के सभी तकनीकी विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाता है।

फिलहाल कुछ निजी विश्वविद्यालय अलग से प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं। ऐसे में प्रदेश के विद्यार्थियों को जिस विवि या संस्थान में दाखिला लेना होता है, उसी के मुताबिक तैयारी करनी होती है। वहीं, राष्ट्रीय स्तर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को बिल्कुल अलग तैयारी करनी पड़ती है। इसके इसमें विद्यार्थियों को काफी कठिनाई होती है और अभिभावकों को भी बच्चों की तैयारी के लिए दोहरा आर्थिक खर्च उठाना पड़ता है।

राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश के बढ़ेंगे मौके 

JEE के माध्यम से होंगे उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं के दाखिले

प्राविधिक शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों और अभिभावकों के हित का हवाला देते हुए दाखिले के लिए नई व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके अलावा देश के तमाम बड़े प्रौद्यागिकी संस्थानों जैसे, आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, जीएफटीआई आदि में दाखिले जेईई के माध्यम से होता है।

जेईई कराने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के पास है। यदि प्रदेश के संस्थानों में भी जेईई के जरिये दाखिले होंगे तो विद्यार्थियों को राज्य स्तरीय संस्थानों में दाखिले के लिए अलग से तैयारी करने की जरूरत नहीं पड़ सकती है। इसके , प्रदेश के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में दाखिले के अवसर भी बढ़ेंगे, क्योंकि उन्हें दो अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारियों में अपना वक्त नहीं बर्बाद करना पड़ेगा