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नोएडा : होमगार्ड वेतन घोटाले में डिवीजन कमांडेंट समेत पांच गिरफ्तार

 

 

 

नोएडा। उत्तर प्रदेश के जिला गौतमुद्धनगर में होमगार्ड वेतन घोटाले में मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नोएडा पुलिस ने डिवीजन कमांडेंट समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल जुलाई महीने में एक होमगार्ड ने फर्जीवाड़ा कर होमगार्ड जवानों की ड्यूटी का फर्जी मस्टररोल तैयार करके भुगतान करने की शिकायत की थी। इस घटना की जांच के लिए नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी सिटी) विनीत जायसवाल के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। मई व जून महीने में शहर के सात थानों से लगाई गई होमगार्ड जवानों की ड्यूटी की जांच हुई जिसमें बड़े स्तर पर ड्यूटी के मस्टररोल में गड़बड़ियां मिली थी और सात लाख से अधिक फर्जी भुगतान पकड़ा गया था। एसपी सिटी की जांच में पता चला था कि थाने में तैनात होमगार्ड जवानों की फर्जी हाजिरी बनाकर लाखों रुपये निकाले गए थे। फर्जी हाजिरी बनाने के लिए थाने की फर्जी स्टाम्प प्रयोग करने का मामला भी सामने आया था। इस मामले में 13 नवम्बर को सूरजपुर थाना निरीक्षक जितेंद्र कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था। आगे की जांच के लिए आवश्यक कागजात सूरजपुर स्थित जिला होमगार्ड कार्यालय में रखी गई थी।

एसएसपी वैभव कृष्ण ने बुधवार को बताया कि जिला गौतमुद्धनगर में फर्जी मस्टररोल तैयार कर होमगार्ड जवानों के वेतन में हुए लाखों के घोटाले की जांच चल रही है। इससे सम्बंधित कागजात एक बक्से में सूरजपुर स्थित जिला होमगार्ड कार्यालय में रखे गए थे जिसमें सोमवार रात आग लग गई। उन्होंने बताया कि जिले में होमगार्ड की ड्यूटी लगाने को लेकर हुए घोटाला मामले में सूरजपुर थाने में मुकदमा दर्ज है और पूरे प्रकरण की जांच गौतमबुद्ध नगर की अपराध शाखा कर रही है। पुलिस को जांच के सिलसिले में बहुत से दस्तावेज़ होमगार्ड दफ्तर से लेने थे लेकिन इससे पहले ही आग लगने से दस्तावेज जल गए। जिस बक्से में आग लगी, उसमें वर्ष 2014 से अब तक विभिन्न सरकारी विभागों में प्रतिनियुक्त किए गए होमगार्ड के मस्टर रोल रखे थे।उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही सूरजपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र दीक्षित व एफएसओ सूरजपुर मौके पर पहुंचे। वहां उन्हें होमगार्ड के वेतन का मास्टरोल वाला एक बड़ा बक्सा जली हुई अवस्था में पड़ा मिला।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के होमगार्ड कार्यालय में सोमवार देर रात अभिलेखों को जलाये जाने की घटना को अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए फाॅरेन्सिक टीम को तत्काल घटनास्थल पर भेजकर जांच कराने के निर्देश दिये। शासन के निर्देश पर मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय टीम बनाई जिसमें लखनऊ मुख्यालय में तैनात एसएसओ सुनील कुमार, मिर्जापुर के जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह, बागपत के मंडलीय कमांडेंट नीता भारती, मेरठ के मंडलीय कमांडेड डीडी मौर्य शामिल हैं। सीएम योगी ने गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रभावी कार्रवाई करते हुए मंगलवार की शाम तक दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने प्रमुख सचिव होमगार्ड्स तथा महानिदेशक होमगार्ड्स से मंगलवार की शाम तक इस प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।

शासन का सख्त रुख देखते हुए और जांच रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार देर रात पुलिस ने तत्कालीन कमांडेंट गौतमुद्धनगर राम नारायण चौरसिया, अस्सिटेंट कंपनी कमांडर सतीश, प्लाटून कमांडर मोंटू, सतवीर और शैलेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया।