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सीएए की जरुरत नहीं, अमित शाह की भाषा अलोकतांत्रिक : यशवंत सिन्हा

 

लखनऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लागू करने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भाषा अलोकतांत्रिक है। वह ऐसा नहीं बोल सकते कि चाहे जितना विरोध हो, सीएए वापस नहीं करेंगे। इतने बड़े ओहदे वाले मंत्री को इस तरह की भाषा का प्रयोग करना शोभा नहीं देता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वह कैसी भाषा है। यहां का माहौल बेहद अशांत है। इसी कारण हमने शांति यात्रा शुरू की है।

सीएए देश के मौलिक ढांचे के खिलाफ

यशवंत सिन्हा ने कहा कि वास्तव में सीएए की आवश्यकता ही नहीं थी क्योंकि सरकार के पास पहले से ही अधिकार है कि वह जिसे चाहे नागरिकता दे। यह कानून अर्थव्यवस्था की स्थिति से जनता का ध्यान हटाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि ये देश के संविधान के खिलाफ ही नहीं देश के मौलिक ढांचे के खिलाफ है। यशवंत सिन्हा सीएए के विरोध में गांधी शांति यात्रा निकाल रहे हैं, जो महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंची है। यहां समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यात्रा का स्वागत किया। इस मौके पर सपा के प्रदेश मुख्यालय में यशवंत सिन्हा ने अखिलेश यादव और शत्रुघ्न सिन्हा की मौजूदगी में मीडिया के सामने अपनी बात रखी।

देश में शांति और कोलाहल का माहौल, सरकार नहीं कर रही बातचीत

उन्होंने कहा कि आज देश में शांति और कोलाहल का माहौल तो वर्तमान की केंद्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार के कदम के कारण है। नरेंद्र मोदी सरकार दमनकारी है। उत्तर प्रदेश में सबसे खराब स्थिति है। इसके साथ ही देश में जहां-जहां भाजपा की सरकार है, वहां हालात ऐसे ही है। जनता को दबाया जा रहा है। सीएए और एनआरसी की घोषण के बाद से ही देश में भय का वातावरण पैदा हुआ है। देशभर के कोने-कोने में लोग डरे हुए हैं और आंदोलनरत हैं। इसमें सरकार की जिम्मेदारी है कि वह डरे हुए, आंदोलनरत लोगों से बातचीत कर उनके भय को दूर करे और देश में शांति स्थापित करे, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है।

दुनिया में भारत की छवि को पहुंचा नुकसान

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, आंदोलन और सरकार के रवैये से दुनिया में देश की छवि खराब हुई है। पहले भारत की छवि एक विकासशील लोकतांत्रिक देश की थी पर अब उस छवि को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इस कानून के नियम ही नहीं बने हैं। तो इसे लागू कैसे किया जा सकता है। कानून में कहा गया कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोगों का अगर धर्म के आधार पर उत्पीड़न हुआ है या फिर उनमें उत्पीड़न का डर है तो वह भारत में नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं पर आवेदकों का उत्पीड़न हुआ है इसे वह कैसे साबित करेंगे? इस पर कुछ नहीं कहा गया है। इसलिए इस कानून को लागू नहीं किया जा सकता।

जनता का ध्यान हटाने को सीएए, एनआरसी, एनपीआर का लिया सहारा

उन्होंने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर वर्तमान मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए लाए गए हैं। इनकी कोई आवश्यकता नहीं है। इन्हें वापस लिया जाना चाहिए। राज्य सरकारों द्वारा कानून न लागू करने को संविधान का उल्लंघन बताये जाने पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि इस समय कई राज्यों के राज्यपाल संविधान के नुमाइंदे के तौर पर नहीं बल्कि भाजपा नेता की तरह काम कर रहे हैं। क्या ये संविधान का उल्लंघन नहीं है?

सरकार पूरी तरह से कंगाल, अर्थव्यवस्था बेहद खराब

केन्द्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि एयर इंडिया को खरीददार तक नहीं मिल रहे हैं। सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है। सरकार ने आरबीआई से करीब एक लाख पैंतालिस हजार करोड़ रुपये लेकर कुछ उद्योगपतियों को दे दिया। इससे अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं हुआ है। किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।

दिल्ली में तय होगी आगे की रणनीति

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बताया कि गांधी शांति यात्रा बीते दिन की शाम लखनऊ पहुंची है। 09 जनवरी को गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई इस यात्रा का समापन 30 जनवरी को राजघाट पर होगा। गांधी जी सत्य और अहिंसा का संदेश लेकर इस यात्रा में हम चल रहे हैं। यात्रा खत्म हो जाने के बाद दिल्ली में विचार करेंगे कि आगे क्या करना चाहिए।

एक बार फिर देश को कतार में लगाने की कोशिश : अखिलेश

इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार अब नोटबंदी की बात ही नहीं करती क्योंकि वह फेल हो गया था। अब एक बार फिर से देश को लाइन में लगाने की कोशिश की जा रही है। हम सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हैं क्योंकि यह असंवैधानिक है।