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अमेरिका से व्यापार समझौते को लेकर जल्दबाजी नहीं : भारत

नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के आसपास किसी व्यापार समझौते पर सहमति बनने की संभावना से इनकार किया है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के समझौतों के दूरगामी आर्थिक प्रभाव होते हैं और इससे कई लोगों का जीवन प्रभावित होता है। ऐसे में व्यापार समझौते के लिए किसी तरह की समय सीमा तय करना ठीक नहीं होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस बयान कि भारत का वर्ताव अच्छा नहीं है, पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पर कहा कि उनकी मुख्य चिंता व्यापार असंतुलन से जुड़ी हैं। भारत और अमेरिका बड़े व्यापार सहयोगी हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है। भारत ने अमेरिका की इन चिंताओं को लेकर काफी कुछ किया है।

दिल्ली में आयोजित साप्ताहिक प्रेसवार्ता में प्रवक्ता ने कहा कि भारत पिछले कुछ समय से अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता कर रहा हैं। भारत उम्मीद करता है कि दोनों पक्षों में संतुलन से जुड़ी समझ बनेगी। भारत जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करना चाहता है। इसमें शामिल मुद्दे कई मसलों से जुड़े और जटिल हैं।

उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका का संबंध एक दूसरे को मजबूत करने पर आधारित है। दोनों देशों का व्यापार पिछले दो वर्षों से 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और व्यापार घाटा लगातार घट रहा है। अमेरिका के तेल और गैस के बढ़ते आयात और अगले कुछ वर्षों में भारत द्वारा बड़ी संख्या में नागरिक विमानों की खरीद के साथ व्यापार और भी अधिक संतुलित हो जाएगा। अमेरिका अब भारत में कच्चे तेल के आयात का 6वां सबसे बड़ा स्रोत है और भारत अमेरिका का कच्चे तेल का चौथा सबसे बड़ा ग्राहक बन गया है।