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महिला ट्रेनी क्लर्कों के कपड़े उतरवाकर मेडिकल टेस्ट कराने के मामले में NCW ने लिया संज्ञान

 

नई दिल्ली। गुजरात के सूरत में महिला ट्रेनी क्लर्कों को गायनोकोलॉजिकल फिंगर टेस्ट के लिए नग्न कर खड़े किए जाने की खबर सामने आई थी। ऐसे में अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पर संज्ञान लिया लिया है। आयोग ने इसको लेकर गुजरात के मुख्य सचिव अनिल मुकीम और प्रमुख सचिव डॉ. जयंति एस रवि, को चिट्ठी लिखकर रिपोर्ट तलब की है।

राष्ट्रीय आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि इस तरह की घटना समाज में नहीं होनी चाहिए। इसे सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह एक गंभीर मामला है, इस घटना की जांच की जानी चाहिए। मामले की जांच करने के हमने निर्देश जारी किए हैं।

सूरत में महिला ट्रेनी क्लर्क को पहले तो निर्वस्त्र कर स्त्री रोग संबंधी जांच करने का मामला सामने आया। इस दौरान अविवाहित महिलाओं से कुछ आपत्तिजनक निजी सवाल भी पूछे गए। सूरत में यह मामला राज्य सरकार द्वारा संचालित सूरत म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (एसएमसी) के एक अस्पताल का है। एसएमसी कर्मचरी संघ ने म्यूनिसिपल अधिकारी के सामने घटना की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में संघ ने कहा कि तकरीबन 100 ट्रेनी कर्मचारियों को उस समय बड़ी हैरानी हुई, जब वे अनिवार्य फिटनेस टेस्ट के लिए सूरत नगर आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान पहुंचे। वहां महिला ट्रेनी क्लर्क को 10-10 के समूहों में निर्वस्त्र खड़ा रहने को कहा गया था। इस दौरान उनकी प्राइवेसी को लेकर भी असंवेदनशीलता दिखाई गई।