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अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राष्ट्रीय शोक, शुक्रवार को बंद रहेंगे राजधानी के सभी सरकारी स्कूल-कार्यालय

नई दिल्ली: भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम पांच बजकर पांच मिनट पर निधन हो गया। उन्होंने 93 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से देश भर में शोक की लहर दौड़ गई। वाजपेयी के देहांत से पूरे राजनीतिक जगत में अफरा-तफरी मच गई।  केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत देश के दिग्गज नेता एम्स पहुंच चुके हैं। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को होगा।

पल-पल की अपडेट

  • अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के चलते शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी बाजार, स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
  • केंद्र सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
  • दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर वाजपेयी का होगा अंतिम संस्कार, इसकी तैयरियां भी शुरु हो गई हैं।
  • शुक्रवार दोपहर 01:30 बजे वाजपेयी की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। यह अंतिम यात्रा बीजेपी दफ्तर से स्मृति स्थल को निकाली जाएगी।
  • वाजपेयी का पार्थिव शरीर सुबह नौ बजे बीजेपी मुख्यालय ले जाया जाएगा। यहां उनका पार्थिव शरीर आम लोगों के अंतिम संस्कार के लिए रखा जाएगा।

दिल्ली में हो सकता है अंतिम संस्कार

  • सूत्रों के मुताबिक अटल बिहारी वाजपेयी का अंंतिम संस्कार दिल्ली के स्मृति स्थल के पास किया जा सकता है।
  • अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को एम्स से उनके कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास ले जाया  गया है। रातभर उनके पार्थिव शरीर को आवास पर ही रखा जाएगा।
  • बीजेपी के झंडे को पार्टी मुख्यालय में आधा झुका दिया गया है। वाजपेयी के पार्थिव शरीर को कुछ देर में उनके कृष्णा मेनन मार्ग लाया जाएगा।
  • वाजपेयी के निधन के बाद राजघाट के शांतिवन इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए। एसपीजी को भी तैनात किया गया है।
  • नितिन गडकरी भी एम्स पहुंच चुके हैं।

डिमेंशिया की बीमारी से जूझ रहे थे अटल

तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी अस्वस्थता के चलते लंबे समय से सार्वजनिक जीवन से दूर थे। वे डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी के चलते साल 2009 से  व्हीलचेयर पर थे। दो महीने पहले वाजपेयी की तबीयत और ज्यादा खराब हो गई। यूरिन में इन्फेक्शन के चलते 11 जून को उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी और देश की अलग-अलग पार्टियों के नेता और अनेक गणमान्य हस्तियां उनका हालचाल जानने पहुंचीं। उनके समर्थक लगातार उनकी सलामती की हवन और पूजा पाठ कर रहे थे। लेकिन वक्त को ये दुआ कबूल नहीं हुई।

अटल बिहारी वाजपेयी देश की सक्रिय राजनीति में पांच दशक से ज्यादा समय तक रहे. वे देश के पहले गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव 1952 में लड़ा, हालांकि पहली जीत उन्हें 1957 में मिली। तब से 2009 तक वे लगातार संसदीय राजनीति में बने रहे। इस दौरान वह दस बार लोकसभा सांसद रहे।