नई दिल्ली। भारत का मिशन चंद्रयान-2 पूरी तरह से सफल नहीं हो सका था। चांद की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी पर ही इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। जिसके बाद से इसरो लगातार संपर्क के प्रयास में लगा हुआ है। वहीं अब यह जानकारी सामने आ रही है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का लूनर रिकॉनिस्सेंस ऑर्बिटर भी चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।
वहीं नासा की परिक्रमा 17 सितंबर को इस क्षेत्र से गुजरने वाली है, जहां पर लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह से टकराया है। वहीं इसके जरिए साइट की तस्वीरें इसरो को इसके विश्लेषण में मदद करेंगी। चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत दुनिया का चौथा देश बनने वाला था लेकिन इसरो को इस मिशन में कामयाबी नहीं मिल सकी थी।
8 सितंबर को इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा था कि विक्रम लैंडर की लोकेशन का पता चल गया है। ये चांद की सतह पर मौजूद है और इसकी लैंडिंग हार्ड लैंडिंग रही होगी. मिशन से जुड़े अधिकारी ने बताया है कि लैंडर एक ही आकार में है, टुकड़ों में नहीं टूटा है। ये चांद पर झुकी हुई स्थिति में मौजूद है। इसरो ने कहा है कि विक्रम लैंडर के साथ संचार करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।