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मुस्लिमों ने पेश की तहजीब की मिसाल, फूल बरसाकर कांवड़ियों का किया स्वागत, फल खिलाकर लगाए बम भोले-जय श्रीराम के नारे

बाराबंकी शहर के मुस्लिमों ने गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल पेश की है। शिवरात्रि के मौके पर बाराबंकी के महादेवा मंदिर में जलाभिषेक के लिए जा रहे कांवड़ियों को मुस्लिमों ने फल खिलाए और पानी पिलाकर उनकी प्यास बुझाई। साथ ही कांवर लेकर जा रहे भोले भक्तों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।

साझा संस्कृति वाले शहर में समाजसेवी मसरूर वारसी, सरफराज वारसी समेत तमाम मुस्लिमों ने कांवड़ियों की सेवा के बाद उनके साथ अपने दोनों हाथ उठाकर जय बम-बम भोले और जय श्रीराम के जयकारे भी लगा रहे थे। मुस्लिमों को इस तरह से करते हुए देख शिव भक्त कांवड़िए उत्साहित दिखे और उन्हें आशीर्वाद भी दिया।

इस मौके पर कार्यक्रम के आयोजक व समाजसेवी मशरूर वारसी और सरफराज वारसी ने कहा कि भारत की पहचान एकता है, यहां हर मजहब और जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। हिंदू हो या मुस्लिम सभी के पूर्वज एक ही हैं।

उन्होंने ने कहा कि कोई धर्म किसी से बैर रखना नहीं सिखाता है। हम चाहे किसी भी धर्म से संबंध रखते हो लेकिन हर धर्म की इज्जत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिव भक्त कांवड़िए बहुत पुण्य का काम करते हैं। वह दूर-दूर से आकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। ताकि भगवान उनकी मनोकामनाओं को पूरी कर सके। शिव भक्तों की सेवा करना एक मुस्लिम के लिए सच्ची श्रद्धा है। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह अपने इरादों में सफल नहीं हाे पाएंगे।