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मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस में वीआर व होलोग्राफिक प्रोजेक्शन के जरिए देश के पहले आरआरटीएस परियोजना को जानने का मिलेगा मौका

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम अर्बन मोबिलिटी इंडिया (यूएमआई) के 12वें कांफ्रेंस की शुरुआत 15 नवंबर 2019 से होगी। राजधानी लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी आगंतुकों को वर्चुअल रियलिटी (वीआर) तकनीक द्वारा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराएगा।

यही नहीं , लेजर प्रकाश के माध्यम से होलोग्राफिक प्रॉजेक्शन द्वारा आरआरटीएस की विशेषताओं की प्रदर्शननी भी आगंतुकों के लिए खास अनुभव होगा। मालूम हो कि, उत्तर प्रदेश हाई स्पीड रीजनल रेल की सुविधा वाला देश का पहला राज्य होगा। पहले रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के पूरा होने के बाद दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर का सफर महज 55 मिनट में पूरा हो जाएगा।

आधुनिक एवं अत्याधुनिक तकनीकों से हो सकेंगे अवगत

तीन दिवसीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी में एक और जहाँ अर्बन मोबिलिटी से जुड़े देश-विदेश के विशेषज्ञों को सुनने का मौका मिलेगा वहीं, आगंतुक आधुनिक एवं अत्याधुनिक तकनीकों से भी अवगत हो सकेंगे। सम्मेलन में ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी, फ्यूचर ऑफ़ मोबिलिटी, इनोवेशन एंड चैलेंजेज इन रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम जैसे विषयों पर बातचीत भी अर्बन प्रोफेशनल्स को विचारों के आदान-प्रदान का अवसर देगा।

क्या है आरआरटीएस

आरआरटीएस एक रेल आधारित उच्च गति, आवृत्ति और क्षमता वाली आरामदायक, वातानुकूलित, विश्वसनीय और सुरक्षित कम्यूटर सेवा है जो क्षेत्रीय नोड्स को जोड़ती है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) आरआरटीएस परियोजना को लागू करने के लिए सभी आधुनिक तकनीक का उपयोग करेगा। इस परियोजना के पहले चरण में तीन प्रमुख आरआरटीएस गलियारों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) -अलवर पर काम किया जाएगा।

आरआरटीएस का पहला कॉरिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को खास स्थिति प्रदान करेगा और इसे उच्च गति के क्षेत्रीय रेल नेटवर्क वाला भारत का पहला राज्य बना देगा। 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर सिविल निर्माण कार्य चल रहा है।

वर्ष 2025 तक इस कॉरिडोर के चालू हो जाने के बाद मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों का सफर आसान हो जाएगा। मेट्रो रेल परियोजनाएं जहाँ दिल्ली, चेन्नई या कोच्चि आदि शहरों की इंट्रा-सिटी कनेक्टिविटी की जरूरतें पूरी करता है वहीं आरआरटीएस एनसीआर के अंतर्गत आने वाले नगरीय और उपनगरीय केंद्रों को जोड़ेते हुए यातायात को सुगम बनाएगा और इस पूरे क्षेत्र को एक परिवहन नेटवर्क प्रदान करेगा।