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उप्र के पांच स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरु

लखनऊ। प्रदेश में इस वर्ष प्रारम्भ किये गये पांच स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय-अयोध्या, बस्ती, फिरोजाबाद, बहराइच और शाहजहांपुर में एमबीबीएस छात्रों का 01 अगस्त को प्रवेश हो चुका है और पढ़ाई प्रारम्भ हो चुकी है। अगले एक महीने में दूसरी काउंसलिंग के बाद अवशेष छात्र भी आ जायेंगे।

यह बात प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने शुक्रवार को पांच स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रथम बार प्रारम्भ होने वाले एमबीबीएस सत्र की व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान कही। इस दौरान छात्रों के लिए पठन-पाठन की व्यवस्था जैसे हाॅस्टल, मेस, लेक्चर थियेटर एवं विभागीय प्रयोगशालाओं आदि की स्थापना के पूर्ण होने की समीक्षा की गयी।

ब्लड बैंक की भी है सुविधा, पीआईसीयू होगी क्रियाशील

टंडन ने बताया कि इन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में लगभग 150 प्रकार के उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं तथा ब्लड बैंक क्रियाशील किये गये हैं। इनमें नवजात बच्चों की चिकित्सा के लिए आधुनिक पीडियाट्रिक इन्टेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) को क्रियाशील करने के निर्देश दिये गये। वर्तमान में शाहजहांपुर और अयोध्या में सिक न्यू बाॅर्न केयर यूनिट ही उपलब्ध है तथा पीडियाट्रिक इन्टेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) के स्थापित होने से नवजात शिशुओं की चिकित्सा में अत्यधिक मदद मिलेगी, जिसे स्थापित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं।

पांचों कालेजों में बनाये जायेंगे रिसेप्शन काम्पलेक्स

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने रोगियों की सुविधा के लिए इन सभी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सालयों में रिसेप्शन काम्पलेक्स बनाने के निर्देश दिये, जिनमें लगभग तीन से चार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आना संभावित है। उन्होंने राजकीय निर्माण निगम को अधूरे कार्य शीघ्र पूर्ण करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने सभी मेडिकल कालेजों के भवन निर्माण का कार्य एलओपी के अनुसार पूरा करने के लिए 150 करोड़ रुपये जारी करने के निर्देश दिये। अवशेष परियोजना के अनुसार सभी मेडिकल कालेजों का कार्य अक्टूबर, 2019 तक पूर्ण करना सुनिश्चित करने के आदेश अधिकारियों को दिये।

पांचों स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में डीएनबी पाठ्यक्रम होंगे प्रारम्भ

इन चिकित्सालयों में उपचार के बेहतर प्रबन्ध, शैक्षणिक गतिविधियों को जल्द बढ़ाने, एमबीबीएस पाठ्यक्रम के साथ-साथ डीएनबी कोर्स भी प्रारम्भ किये जाने का निर्णय किया गया। प्रत्येक मेडिकल कालेज में पाच-छह विषयों में डीएनबी कोर्स प्रारम्भ करने का निर्णय किया गया। इसके अनुसार भारत सरकार को अनुमोदन के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है।