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पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ बयानबाजी करना TMC के एक प्रवक्ता को महंगा

पार्थ चटर्जी इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में हैं। कुणाल घोष टीएमसी के पहले व्यक्ति के जो पार्थ की गिरफ्तार के बाद उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। उन्हें अब टीएमसी ने 14 दिनों के लिए सेंसर कर दिया है। उन्हें 14 दिन तक कुछ भी बयानबाजी न करने की सलाह दी गई है। बता दें कि कुणाल ने कहा था कि पार्थ को सभी बदों से तत्काल हटाना चाहिए। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ बयानबाजी करना TMC के एक प्रवक्ता को महंगा पड़ गया। तृणमूल कांग्रेस ने प्रवक्ता को 14 दिनों के लिए किसी भी तरह की बयानबाजी करने से सेंसर कर दिया है। TMC के सूत्रों के मुताबिक कुणाल को पार्थ के बारे में मीडिया से बात न करने का निर्देश दिया गया है।

हाल ही में कुणाल घोष ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पार्थ को एहसास होना चाहिए कि जेल में कैसा महसूस होता है। उन्होंने आगे कहा था कि मैंने अपनी जिंदगी जेल में बिताई है, पार् को भी ऐसा करने दिया जाए। बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद पार्थ चटर्जी को ED गिरफ्तार कर चुकी है। उनकी गिरफ्तारी के बाद TMC से कुणाल घोष ही पार्थ के खिलाफ खुलकर आवाज उठा रहे थे।पार्थ को TMC से निलंबित किए जाने के बाद भी राज्य सचिव और प्रवक्ता कुणाल ने उन पर हमला जारी रखा था। उनकी बयानबाजी के बाद अब पार्टी ने उन्हें 14 दिनों तक सेंसर करने का फैसला किया है। उन्हें 14 दिन तक कुछ भी बयानबाजी न करने की सलाह दी गई है। पार्थ चटर्जी के निलंबन से पहले कुणाल घोष ने कहा था कि पार्थ को तुरंत मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाया जाना चाहिए। उन्हें पार्टी से निकाला जाना चाहिए। इतना ही नहीं कुणाल घोष ने कहा था कि पार्टी को लगता है कि मेरा बयान गलत है तो पार्टी को मुझे हटाने का पूरा अधिकार है। मैं हमेशा टीएमसी का सिपाही रहूंगा। पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के 2 दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान आया था। उन्होंने कहा था वो भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं। वो चाहती हैं कि सच्चाई एक समय सीमा में सामने आए