कोरोना वायरस के बाद,एक और बड़ी गंभीर समस्या ने देश में सिरदर्नद बना हुआ है.ये हैं दुनिया के सबसे खतरनाक प्रवासी कीट टिड्डे.टिड्डियों के एक बड़े दल ने अप्रैल में पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया और ये तब से ये फसलों को चट कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पिछले 26 सालों में भारत पर ये टिड्डी दल का सबसे खतरनाक हमला है. सबसे बड़ी समस्या ये देश के किसानों के लिए हैं.ये टिड्डियां फसलों को मिनटों में चट कर जाती जाती हैं जिससे किसानों का लाखों का नुक्सान होता है.
राजस्थान से सबसे पहले मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर में #टिड्डी दल ने हमला बोला. उन्हें भगाने कहीं डीजे बजाए गए, कहीं ढोल तो कहीं थाली दमकल की गाड़ी से केमिकल का भी छिड़काव हुआ.@ndtvindia #Locustsattack #टिड्डी_दल pic.twitter.com/iHQBRLQJR2
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 27, 2020
कई राज्यों में किया हमला,नहीं काम कर रहे कोई उपाय
पाकिस्तान के रास्ते मालवा में घुसा टिड्डी दल है जो तेजी से मध्यप्रदेश के कई जिलों में पहुंच गया है. देश के 6 राज्यों में इसका हमला हो चुका है, कई जिलों में टिड्डी दल फसलों को प्रभावित कर रहा है. राजस्थान से पहले मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर में टिड्डी दल ने हमला बोला. उन्हें भगाने कहीं डीजे बजाए गए, कहीं ढोल तो कहीं थाली दमकल की गाड़ी से केमिकल का भी छिड़काव हुआ. मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा यह जो सिस्टम बना है ईस्ट अफ्रीका और पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश में प्रवेश कर रहा है. राजस्थान के कंट्रोल रूम से बात हुई थी जिसके अनुसार अभी इनका आना लगातार जारी रहेगा, वाटर बॉडी और ग्रीनरी से आकर्षित होकर बड़ी संख्या में यह दल लगातार आ रहे हैं.
प्रजनन की अधिक क्षमता
इनके पास प्रजनन करने की असाधारण क्षमता होती है, और ये लंबी उड़ान भरने में माहिर होती हैं. एक ही दिन में, ये करीब 150 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं. सर्दियों से ही इन कीटों ने किसानों के रातों की नींदें हराम कर रखी हैं.
पिछले एक साल में, टिड्डियों से प्रभावित ज्यादातर खेतों में एक तिहाई से अधिक फसल बर्बाद हो चुकी है. ये गर्मियों की फसल खाने के लिए अक्सर जून के आसपास भारत आते हैं, लेकिन इस साल ये अप्रैल में आ गए.
महाराष्ट्र तक पहुंचा इनका दल
टिड्डा चेतावनी संगठन (Locust Warning Organisation- LWO) ने बुधवार को कहा कि टिड्डी दल के दिल्ली से गुजरने की उम्मीद नहीं है और उसके मध्य प्रदेश और राजस्थान की ओर बढ़ने की संभावना है.
विदर्भ और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में छोटे टिड्डी दल पहुंच गए हैं. राजस्थान में और भी टिड्डियां उड़ रही हैं.