बुधवार की शाम कोतवाली पुलिस को यह शिकायत मिलीं थी कि एक युवक द्वारा बहुसंख्यक समुदाय को लेकर एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपलोड किया गया है। जो आग की तरह फैल रहा है और लोगों की भावनाओं को आहत कर रहा है। इसके बाद कर्फ्यू लगा दियां,लोगों को अपने घरों में रहने की हिदायत पुलिस व प्रशासन द्वारा दे दी गई, भीड़ को खदेड़ा गया और पुलिस ने पूरी तरह से शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। पूरी रात पुलिस की जद्दोजहद जारी रही। सुबह तक पुलिस और प्रशासन ने हालातों पर काबू पाने का दावा किया।
आपसी सौहार्द को प्रशासन ने की पीस कमेटी की बैठक
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन की पहल के बाद लखनऊ से आये कमीश्नर, डीआईजी, आईजी रेंज व डीएम, एसपी सहित जिले के अन्य अधिकारियों ने पीस कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट सभागर में बुलाकर आपसी भाईचारा व सौहार्द बनाने का प्रयास किया। प्रशासन की पहल के क्रम में 11 बजे पीस कमेटी की एक अतिमहत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई। मुस्लिम धर्मगुरू व बुद्धजीवियों ने कड़े शब्दों में घटना की निंदा करते हुए आरोपी युवक पर कार्यवाही की बात की। वही हिंदू पक्षधरों व बुद्धजीवियों ने आरोपी युवकों पर रासुका जैसी धारा लगाने की बात कही। इस दौरान कई बुद्धजीवियों ने यह प्रश्न भी उठाया कि पुलिस व प्रशासन छोटी-छोटी घटनाओं पर ध्यान नहीं देता है, उन्ही के चलते ऐसे बड़े मामले सामने आ जाते है। सभी बुद्धजीवियों के मत रखने के बाद उच्चाधिकारियों ने बैठक में पहुंचे। सभी धर्मो के लोगों को जहां कठोर कार्यवाही के लिए सहमत किया, तो वहीं अधिकारियों ने पुलिस व प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा कि शहर के हालात बेकाबू हो रहे थे, इसी को देखते हुए कर्फ्यू लगाने की आवश्यकता पड़ी। उपद्रवियों पर कार्यवाही की बात भी कही गई।
उलझी बात तो हुआ बहिष्कार
प्रशासन द्वारा बुलाई गई पीस कमेटी की बैठक में भी लोगों का आक्रोष देखने को मिला। जहां सभी समुदाय के लोगों ने धैर्यतापूर्व अपनी बात रखी, तो वहीं बहुसंख्यक समुदाय द्वारा प्रशासन व पुलिस पर छोटी घटनाओं में लापरवाही बरतने की बात कही गई। बैठक के बीच में ही अचानक ऐसा कुछ हुआ कि बहुसंख्यक समुदाय के लोगों ने पीस कमेटी बैठक का बहिष्कार कर दिया और उठकर बाहर निकल गये। मौके की नजाकत को भांपते हुए प्रशासन व उच्चाधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया और उसके बाद बैठक दुबारा शुरू हुई। बैठक में हुए इस उहा-पोह की स्थिति ने एक बात साफ कर दी है कि वीडियो मैसेज मामला बेहद संजीदा है। प्रशासन व पुलिस को इसे गंभीरता से लेना होगा।
वीडियो: पीस कमेटी की बैठक