Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

स्तनपान कराने वाली मां को होती है अतिरिक्त पानी की जरूरत: डॉ. त्यागी

 

गाजियाबाद। स्तनपान कराने वाली मां को अतिरिक्त पानी पीने की जरूरत होती है, जबकि महिलाएं प्रसव के बाद पेट बढ़ने की गलतफहमी के चलते पर्याप्त पानी नहीं पीती।

जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपा त्यागी ने गुरुवार को बताया कि घर की बुजुर्ग महिलाएं प्रसव के बाद धात्री महिलाओं को कम पानी पीने की सलाह देती हैं, जो कि सरासर गलत है। दरअसल, अपना दूध पिलाने वाली मां को अतिरिक्त पानी की जरूरत होती है।

उन्होंने बताया कि प्रसव के पहले माह में आने वाले दूध में पानी की मात्रा अधिक होती है। बच्चा जन्म के पहले सप्ताह में रोजाना औसतन 700 मिली लीटर दूध पीता है। इस दूध में पानी की मात्रा अधिक होती है इसलिए मां के अतिरिक्त पानी न पीने के कारण दूध नहीं आता और ऐसे में लोग शिशु को डिब्बा बंद दूध देना शुरू कर देते हैं। जैसे-जैसे शिशु बड़ा होता जाता है, मां का दूध गाढ़ा होने लगता है, उसमें प्रोटीन की मात्रा बढ़ने लगती है।

छह माह तक बच्चे के पोषण के जरूरी तत्व उसे मां के दूध से मिलते रहते हैं। इसलिए छह माह तक मां के दूध के अलावा बच्चे को कुछ भी देने की जरूरत नहीं होती।

डॉ. दीपा ने बताया कि जिला महिला अस्पताल में भी लोग बच्चे को पिलाने के लिए डिब्बा बंद दूध ले आते हैं, लेकिन उन्हें इसे न पिलाने की सलाह दी जाती है।

डॉ. दीपा ने बताया कि एसएनसीयू के अलावा एनआरसी यानी पोषण पुनर्वास केंद्र से भी लगातार मां को दिए जा रहे पोषण और बच्चे को स्तनपान के बारे में टेलीफोन के माध्यम से फालोअप किया जाता है।
डॉ.त्यागी ने धात्री माताओं से आग्रह किया है कि फालोअप कॉल किए जाने पर सही-सही जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि उनके लिए जरूरी सही सलाह दी जा सके।