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मरते दम तक जेल में रहेगा बलात्कारी कुलदीप सेंगर, अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

ढाई साल बाद पीड़िता को मिला इंसाफ

नई दिल्ली। उन्नाव गैंगरेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जज धर्मेश शर्मा ने यह फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने जुर्माने की राशि से दस लाख रुपए मुआवजे के तौर पर पीड़िता को दिए जाने का निर्देश दिया है। पांच महीने में पीड़िता को मुआवजा देना होगा। वहीं फैसला सुनकर सेंगर कोर्टरुम में रो पड़ा। 16 दिसंबर को कोर्ट ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी।

शुक्रवार सुबह सुनवाई शुरू होने पर जज ने कुलदीप सेंगर को लॉकअप से लाने को कहा। जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने एक बार फिर दोहराया कि उनके मुवक्किल कुलदीप सेंगर की दो बेटियां और पत्नी है, उन पर उन सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए सजा देते समय इस बात का ख्याल रखा जाए।

इससे पहले 17 दिसंबर को सुनवाई के बाद दोषी विधायक को सजा सुनाने के लिए कोर्ट ने 20 दिसंबर यानी शुक्रवार का दिन तय किया था। उस दिन अदालत ने कहा था कि वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहते हैं। उन्नाव रेप कांड जघन्य साजिश, हत्या और दुर्घटनाओं से भरा हुआ है। उन्नाव में भाजपा के कद्दावर नेता रहे कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट ने आपराधिक साजिश रचने, अपहरण, महिला यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में दोषी माना है। उसे पॉस्को एक्ट के तहत भी दोषी पाया गया।

उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के परिवार और आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के बीच दुश्मनी का रिश्ता 18 साल पुराना है। यही वजह है कि पीड़िता की चाची और मौसी की मौत का इल्जाम भी विधायक सेंगर के सिर पर है। इससे पहले पीड़िता के ताऊ, फिर पिता की मौत के लिए भी विधायक को ही ज़िम्मेदार ठहराया गया था। यहां तक कि पीड़िता के चाचा को हत्या की कोशिश के मुकदमे में फंसाने के लिए भी साजिश रचने का इल्जाम विधायक सेंगर पर ही है।