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पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर जाने उनसे जुड़ी खास बात

देश की आजादी के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर देश के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास मे विश्वास रखने वाले जय जवान-जय किसान के उद्घोषक भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 118वीं जयंती आज पूरे देश भर में मनाया जा रहा है

जीवन परिचय-

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश वाराणसी के मुगलसराय में हुआ था l बचपन में ही पिता की मौत हो जाने के बाद लाल बहादुर अपने माता के साथ ननिहाल चले गए जहां विकट परिस्थिति में उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा हुई कहा जाता है कि लाल बहादुर नदी तैरकर रोज स्कूल जाया करते थे, क्योंकि उस समय गांवों मे बहुत कम ही स्कूल होते थे l
l स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्हें ‘शास्त्री’ की उपाधि दी गई, जिसका अर्थ है विद्वान l

1947 में शास्त्री को पुलिस और परिवहन मंत्री बनाया गया-

15 अगस्त 1947 को लाल बहादुर शास्त्री को पुलिस और परिवहन मंत्री बनाया गया l शास्त्री के कार्यकाल के दौरान पहली बार महिला कंडक्टरों की नियुक्ति की गई थी l उन्होंने ही अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियों के बजाय पानी के जेट के इस्तेमाल का सुझाव दिया था l

अखिल भारत कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त हुए थे शास्त्री-

1951 में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लाल बहादुर शास्त्री अखिल भारत कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये l इस दौरान शास्त्री ने 1952, 1957 और 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया l

1952 में शास्त्री को रेल मंत्री बनाया गया-

1952 में शास्त्री को रेल मंत्री का जिम्मेदारी दिया गया लेकिन 1956 में तमिलनाडु में एक ट्रेन दुर्घटना में लगभग 150 यात्रियों की मौत हो जाने के बाद शास्त्री ने अपने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया l

जवाहरलाल नेहरू के मौत के बाद शास्त्री बने देश के दूसरे प्रधानमंत्री-

जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को निधन हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण लाल बहादुर शास्त्री को 1964 में देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधानमंत्री का पद भार ग्रहण किया।

भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया-

लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ जिसमें शास्त्री ने विषम परिस्थितियों में देश को संभाले रखा l सेना के जवानों और किसानों महत्व बताने के लिए उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा भी दिया l

इसलिए लोगों ने शास्त्री व्रत कहना शुरू किया-

कहा जाता है कि भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश में अन्न कि कमी हो जाने के बाद देश भुखमरी की समस्या से जूझने लगा l लोगों की स्थिति देखते हुए लाल बहादुर शास्त्री ने अपनी तनख्वाह लेना बंद कर दिया और लोगों से हफ्ते में एक दिन व्रत रखने की अपील की l शास्त्री के कहे गए इन शब्दों का प्रभाव लोगों में दिखा और लोगों ने प्रत्येक सोमवार को व्रत रखना शुरू कर दिया l धीरे-धीरे लोगों ने इसे शास्त्री व्रत कहना शुरू कर दिया l

आयरन मैन के नाम से जाने जाते थे लाल बहादुर शास्त्री-

विषम परिस्थिति में अपनी बहादुरी से दुश्मनी ताकतों को करारी शिकस्त देने की वजह से तत्कालीन समय में दुनिया लाल बहादुर शास्त्री को आयरन मैन कहती थी l

गांधीजी के आंदोलन में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका-

देश की आजादी में लाल बहादुर शास्त्री का बहुत बड़ा योगदान रहा l साल 1920 में लाल बहादुर शास्त्री भारत देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए आजादी की लड़ाई मे कूद गए l आजादी की लड़ाई में कूदने के बाद लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे स्वाधीनता संग्राम के आंदोलनों 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन मे हिस्सा लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इस दौरान शास्त्री को कई बार जेल भी जाना पड़ा था l

61 साल की उम्र में रहस्यमय परिस्थिति में हुई निधन-

10 जनवरी 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद के 11 जनवरी 1966 की रात में लाल बहादुर शास्त्री का रहस्यमय परिस्थिति में निधन हो गया जिससे पूरा देश शोक की लहर में डूब गया l मृत्यु के बाद भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पहले व्यक्ति थे लाल बहादुर शास्त्री l