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जौनपुर के डिप्टी एसपी जितेन्द्र दुबे ने नए शब्द कोरन्टीन पर लिखी ये लाइने, आप भी पढ़े…

कोरोना महामारी के बाद एक शब्द सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है वह है कोरन्टीन यह शब्द हमारे आपके लिए बहुत ही नया शब्द है क्योंकि कोरोना काल से पहले हमने ये शब्द नहीं सुना था.

इसको लेकर के यूपी के जौनपुर जिले के उपपुलिस अधीक्षक जितेन्द्र दुबे ने कुछ लाइनें लिखी है इन लाइनों को आपको पढ़ना चाहिए…

कोरन्टीन – (1)

साजन…..!
जब मैंने सुना
नया शब्द कोरन्टीन
सोचा……
ये जो मास्क पहनते हैं,
सोशल डिस्टेंसिङ्ग करते हैं,
सेनेटाइजर से….
हाथ धोते हैं,
घर आने के बाद,
कपड़े बदल कर नहाकर..
घर के अन्दर जाते हैं…
इसी को कहते हैं
कोरन्टीन……।
पर
सब झूठा था…..!
देर ही से,
गहन शोध से….
मैंने जाना
साजन……!
तुम जब से गये हो चीन
ऑटोमैटिक….!
मैं हो गई कोरन्टीन….
अब रात कटे ना दिन,
तन मन सब है गमगीन,
स्वाद सभी अब फीके लागे,
खट्टा मीठा या हो नमकीन…।।

कोरन्टीन – (2)

साजन…..!
आ गए तुम
अच्छा चलो बताओ
क्यों गए तुम चीन…?
वहाँ से लेकर आये
कोविड नाईनटीन…।
गर मान जाते,
न जाते तुम चीन….
हर कला में तुमको
करती मैं प्रवीन…!
करती श्रृंगार मैं,
नित नवीन….
दिखता न कभी
तेरा मुख मलीन…!
बावले हो गए थे तुम…
जो चले गए तुम चीन….
लौटे तो तुम…
पर…..!
खुद ही हो गए कोरन्टीन
कैसे कहूँ…!
किससे कहूँ…!
ब्यथा अपनी महीन….
कभी तुम…
कभी मैं…
अगर इसी तरह,
होते रहे कोरन्टीन…
कैसे होंगे हम दो से तीन….
सृजन अधूरा रह जायेगा…
साजन…..!
चिन्ता है यह अंतहीन……
यह अंतहीन….!!