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उप्र में जनता कर्फ्यू की अवधि सोमवार सुबह छह बजे तक बढ़ी

लखनऊ। प्रदेश में ‘जनता कर्फ्यू’ की अवधि सोमवार सुबह छह बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू आज सुबह सात बजे से शुरू हुआ और रात नौ बजे तक चलना था। कोरोना वायरस से बचाव व सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज रात शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक करेंगे। इसमें कोरोना वायरस से आम जनता की सुरक्षा को लेकर कुछ और कड़े फैसले किए जा सकते हैं। जनता कर्फ्यू अवधि को लेकर भी निर्णय हो सकता है।
वहीं प्रदेश सरकार के निर्देश पर राजधानी में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने मेट्रो का संचालन 31 मार्च 2020 तक निरस्त कर दिया है। यूपी एमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया 22 मार्च को मेट्रो को संचालन निरस्त किया गया था लेकिन प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद अब मेट्रो का संचालन 31 मार्च तक निरस्त कर दिया गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों से अपील की कि वह आज नौ बजे के बाद भी बाहर न निकले। उन्होंने कहा है कि जनता कर्फ्यू में लोगों के योगदान से न केवल उनका परिवार सुरक्षित रहेगा बल्कि पूरे समाज, राष्ट्र को भी स्वस्थ्य एवं सुरक्षित रखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आपने, जनता जनार्दन, व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों ने प्रधाानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू में अपनी सहभागिता की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सबका हृदय से धन्यवाद देता हूं। महामारी का खतरा समाप्त नहीं हुआ है, बचाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। रात्रि नौ बजे के बाद भी घर से बाहर न निकलें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप के द्वारा इस संबंध में दिए जा रहे योगदान से न केवल आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकता है अपितु पूरे समाज, राष्ट्र को भी स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह कहा कि कोरोना वायरस को लेकर उपचार से महत्वपूर्ण पहलू बचाव का है। इसके खिलाफ लड़ाई में जागरूकता बचाव का सबसे बड़ा माध्यम हो सकता है। बचाव के लिए यह सारे प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने एहतियात के तौर पर कदम उठाये हैं। इसके लिए जितनी सावधानी बरतें, अच्छा है। उन्होंने कहा कि जनता कर्फ्यू जैसे कार्यकम के लिए आगे भी तैयार रहें।
उन्होंने जनता से अपील की कि कोरोना वायरस से घबराये नहीं लड़ें। सरकार पूरी तरह उनके साथ में है। किसी भी आवश्यक वस्तु की कमी नहीं होने दे जाएगी। इसका उपचार नि:शुल्क है। सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों के पोषण के लिए धनराशि की व्यवस्था की है। राशन का इंतजाम किया है। दो हजार से अधिक आइसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं। इनकी संख्या दस हजार करने का लक्ष्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की बाजारों में भीड़ न बढ़ाएं और सामान बेवजह नहीं इकट्ठा करें। उन्होंने व्यापारी, दवा कारोबारियों से भी अपील की कि वे जमाखोरी को बढ़ावा न दें। किसी भी सूरत में वास्तविक मूल्य से अधिक दाम पर वस्तुएं नहीं बेची जाए। इस तरह की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। देश की इस लड़ाई में हर नागरिक की सहभागिता आवश्यक है। जनता कर्फ्यू में जिस तरह से आम जनता की सहभागिता देखने को मिल रही है, वह स्वागत योग्य है। कोरोनो वायरस को परास्त करने में हम सफल होंगे।

सीएए के खिलाफ सड़कों पर उतरी महिलाओं से प्रदर्शन स्थगित करने की अपील

कोरोना वायरस से बचाव व सुरक्षा के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वान के बावजूद राजधानी में घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाएं वहां से हटने को तैयार नहीं हैं। इसको लेकर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने इन महिलाओं से अपील की है कि हालात को देखते हुए प्रदर्शन को स्थगित कर दें। हालात गंभीर हैं। जैसे ही कोरोना वायरस का दौर थम जाए वह फिर से धरना शुरू कर सकती हैं लेकिन इस मुश्किल वक्त में उन्हें एहतियात बरतना चाहिए।
इसके अलावा कोरोना वायरस फैलने के बाद प्रदर्शन में शामिल रहीं सदफ जाफर ने भी कहा कि पूरे देश में जरूरी चीजों को छोड़ कर पूरे देश बंद है तो घंटाघर पर बैठी महिलाओं को अभी अपनी समाजिक जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। प्रदर्शन में महिलाएं एक दूसरे के पास पास बैठी हैं। इससे संक्रमण का अधिक खतरा है। इंसानियत के खातिर कुछ दिनों के लिए धरना स्थगित कर देना चाहिए। हालात सामान्य होने पर फिर से धरना दे सकते हैं।
शायर मुनव्वर राणा की पुत्री सुमैया राना ने कहा कि इस्लाम ने हमेशा इंसानियत को बचाने का संदेश दिया है। ऐसे में घंटाघर पर महिलाओं को अपना प्रदर्शन समाप्त कर देना चाहिए या फिर सांकेतिक रूप से एक या दो महिलाएं ही वहां पर बैठे।