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अरुण जेटली का रविवार को निगमबोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार

 

 

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का अंतिम संस्कार रविवार दोपहर निगमबोध घाट पर होगा। जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया। उन्होंने दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर अंतिम सांस ली। निधन के बाद जेटली का पार्थिव शरीर आवास ग्रेटर कैलाश स्थित उनके आवास पर ले जाया गया है। वरिष्ठ नेता के अंतिम दर्शनों के लिए उनके आवास पर भारी भीड़ जमा हो गई। अपने प्रिय नेता को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए लोग कतार लगा कर खड़े रहे। जेटली का पार्थिव शरीर रविवार सुबह 10 बजे पंडित दीन दयाल मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय पर रखा जाएगा, जहां लोग अपने नेता का अंतिम दर्शन कर सकेंगे। तत्पश्चात दोपहर दो बजे दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया जाएगा।

पूर्व वित्तमंत्री के निधन की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात से फोन कर जेटली की पत्नी संगीता जेटली और उनके बच्चों से बात कर दुख की इस घड़ी ढांढस बंधाया। जेटली के परिजनों ने मोदी से आग्रह किया कि वह अपना दौरा बीच में छोड़कर न आएं। हालांकि, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ और गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद का दौरा बीच में ही छोड़ दिल्ली का रुख कर लिया। भाजपा अध्यक्ष एयरपोर्ट से सीधे कैलाश कॉलोनी स्थित जेटली के घर गए और पुष्पांजलि अर्पित की।

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कैलाश कॉलोनी जाकर पुष्पांजलि अर्पित की और परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया।

जेटली को सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद 09 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 14 मई को एम्स में जेटली के गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था। उसके बाद इलाज के लिए वह अमेरिका भी गए थे। पिछले कुछ महीनों से उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही थी। 2019 के आम चुनाव में खराब तबियत का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। उन्होंने सरकार गठन के वक्त भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उनको मंत्रिमंडल का हिस्सा न बनाया जाए। उन्होंने राज्यसभा में नेता सदन का पद भी त्याग दिया था। मौजूदा समय जेटली राज्यसभा के सदस्य थे। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्रिमंडल का महत्वपूर्ण चेहरा थे। उन्होंने केंद्र सरकार में वित्त एवं रक्षा जैसे अहम मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।

जेटली के निधन से भाजपा को गहरा झटका लगा है। इस माह 06 अगस्त को सुषमा स्वराज के निधन के शोक से पार्टी अभी उबर भी न पाई की जेटली के निधन के रूप में एक और झटका लगा है।